हैदराबाद. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि अगर लोग भाजपा को चुनते हैं, तो मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग से बनाया जाएगा. अगर जनता बीआरएस या कांग्रेस को वोट देती है तो, मुख्यमंत्री एक विशेष परिवार से होगा.
शाह ने दावा किया कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के खिलाफ गुस्से का माहौल है और लोग नहीं चाहते कि के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) की सरकार सत्ता में वापस आए. शाह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के डर से उन्होंने (केसीआर) अल्पसंख्यकों को चार प्रतिशत आरक्षण दिया और हम चार फीसदी मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देंगे तथा इसका लाभ ओबीसी, एससी और एसटी को देंगे.
गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग से मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. इसलिए, बीआरएस को वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) देने और उनके वाहन (बीआरएस के चुनाव चिह्न कार) को गैरेज में भेजने का समय आ गया है.
भाजपा को जनता चुने शाह ने भीड़ से पूछा, 30 नवंबर को इस केसीआर सरकार को बदलना है या नहीं? पिछड़ी जाति के सदस्य को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए या नहीं? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीआरएस सरकार को हटाने के लिए भाजपा को चुनना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में जीते कांग्रेस विधायक बीआरएस में शामिल हो गए.
शाह ने कहा कि कांग्रेस, बीआरएस और एआईएमआईएम वंशवादी पार्टियां हैं. उन्होंने दावा किया कि ये तीनों पार्टियां भ्रष्टाचार में विश्वास करती हैं. भाजपा नेता ने लोगों से अपील की कि मौजूदा विधायक एटाला राजेंद्र को हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र से भारी बहुमत से जीत दिलाएं.
घोषणा-पत्र का जिक्र
अमित शाह ने विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की तेलंगाना इकाई के घोषणा-पत्र पर भी प्रकाश डाला, जिसमें ईंधन की कीमतों पर वैट (वस्तु एवं सेवा कर) में कमी और अयोध्या में भगवान राम के निशुल्क दर्शन की व्यवस्था करने का वादा शामिल है.