बड़ी खबरेंराजनीतिराष्ट्र

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: AAP और कांग्रेस का गठबंधन क्यों नहीं हुआ? जानिए पूरी कहानी

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की गहमा-गहमी के बीच एक महत्वपूर्ण सवाल उठ रहा है: आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस का गठबंधन क्यों नहीं हो पाया? यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। दोनों पार्टियों के बीच संभावित गठबंधन की उम्मीदें थीं, लेकिन अंततः यह गठबंधन धरातल पर नहीं उतर सका। आइए जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम की अंदरूनी कहानी।

गठबंधन की उम्मीदें और पहले के संकेत
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले, राजनीति के जानकार और विश्लेषक यह मान रहे थे कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच एक रणनीतिक गठबंधन हो सकता है। इसका मुख्य कारण था दोनों पार्टियों के बीच बीजेपी के खिलाफ एक साझा विरोध। कांग्रेस ने अतीत में हरियाणा में भाजपा के खिलाफ कई चुनाव लड़े हैं, और AAP ने भी हाल ही में अपने प्रभाव का विस्तार किया है। यह दोनों दलों के लिए एक महत्वपूर्ण मौका था कि वे मिलकर भाजपा को चुनौती दें।

सीटों की साझेदारी पर असहमति
AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बातचीत में सबसे बड़ा रोड़ा सीटों की साझेदारी का था। कांग्रेस और AAP दोनों ही राज्य में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति के लिए जानी जाती हैं और दोनों पार्टियां अधिकतर सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारना चाहती थीं। सीटों का बंटवारा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना, जिसके चलते दोनों पार्टियों के बीच तालमेल बिठाना मुश्किल हो गया।

व्यक्तिगत और आंतरिक मतभेद
AAP और कांग्रेस के बीच व्यक्तिगत और आंतरिक मतभेद भी गठबंधन की राह में बाधा बने। कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव शैलजा कुमारी के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष ने भी पार्टी की अंदरूनी राजनीति को प्रभावित किया। इसी तरह, AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और हरियाणा के पार्टी नेताओं के बीच भी रणनीतिक दृष्टिकोण को लेकर मतभेद सामने आए।

aamaadmi.in

स्थानीय नेताओं की भूमिका
स्थानीय नेताओं की भूमिका और उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं भी एक महत्वपूर्ण कारक रही हैं। हरियाणा में कई कांग्रेस और AAP के नेता चुनावी मैदान में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना चाहते थे। इस वजह से, गठबंधन की बातों में कई बार स्थानीय स्तर पर असहमति देखने को मिली, जिससे पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई।

BJP के खिलाफ संयुक्त मोर्चा
गठबंधन के न बनने का एक और कारण यह हो सकता है कि दोनों पार्टियों ने भाजपा के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने के बजाय अपनी-अपनी अलग रणनीतियों को प्राथमिकता दी। कांग्रेस और AAP ने स्वतंत्र रूप से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की योजना बनाई, जिससे उनका मुख्य ध्यान भाजपा को हराने पर था, न कि एक दूसरे के साथ गठबंधन पर।

रणनीतिक विचार और भविष्य की संभावनाएं
हालांकि AAP और कांग्रेस का गठबंधन इस बार संभव नहीं हो पाया, लेकिन भविष्य में ऐसी संभावनाएं खुली हुई हैं। दोनों पार्टियां आगामी चुनावों में अपने-अपने तरीके से संघर्ष जारी रखेंगी, और भविष्य में राजनीतिक परिदृश्य के अनुसार रणनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में AAP और कांग्रेस का गठबंधन न हो पाने की कई वजहें हैं, जिनमें प्रमुख हैं सीटों का बंटवारा, व्यक्तिगत मतभेद, और आंतरिक राजनीति। हालांकि, भाजपा के खिलाफ एकजुटता की कमी ने दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावना को ठंडा कर दिया। राजनीतिक रणनीतियों और भविष्य की संभावनाओं के आधार पर, हमें देखना होगा कि आने वाले समय में इन पार्टियों का परिदृश्य कैसे बदलता है।

join whatsapp channel
aamaadmi.in अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. aamaadmi.in पर विस्तार से पढ़ें aamaadmi patrika की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
यूट्यूबर अरमान मलिक पर युवक को पीटने का लगा आरोप तिलक वर्मा ने ICC टी20 रैंकिंग में मचाया तहलका चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर ICC ने दिया Pak को झटका सूर्या की कांगुआ का कहर, करेगी छप्परफाड़ कमाई