केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में दवाओं की गुणवत्ता की जांच को लेकर काफी मजबूत व्यवस्था है. अफ्रीका को निर्यात की गई खांसी के सिरप की गुणवत्ता के बारे में मिली शिकायतों पर कार्रवाई की गई है. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा ने लोकसभा को बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अफ्रीका को निर्यात किए गए गए कुछ खांसी के सिरप की गुणवत्ता को लेकर सवाल किए. इस पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सतर्क है. इसके लिए जरूरी कदम भी उठाए गए हैं. नड्डा ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया की सबसे प्रभावी और सस्ती दवाएं भारत में बनाई जाती हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी उनकी बात पर सहमति जताते हुए कहा कि जिन भी देशों में वह गए हैं, वहां भारत की दवाओं की मांग है और उन्होंने सरकार से वैश्विक स्तर पर दवाओं का निर्यात बढ़ाने को कहा है. इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है.
उचित कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास राजस्थान से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कई दवा कंपनियां ‘सॉल्ट’ में फेरबदल कर राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के दायरे से बाहर निकल जाती हैं और फिर अपनी कीमत पर दवा बेचती हैं. इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह एक सतत् प्रक्रिया है. एनपीपीए लगातार दवाओं के ‘कॉम्बिनेशन’ और सॉल्ट का अध्ययन करता रहा है.
दवाओं की कीमतों पर अंकुश की कोशिश जारी
प्रश्नकाल में कैंसर की दवाओं से जुड़े प्रश्नों के उत्तर में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने कहा कि देश में इस बीमारी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसे देखते हुए सरकार कैंसर से संबंधित दवाओं की कीमतों पर अंकुश लगाने का पूरा प्रयास कर रही है. कैंसर इलाज में इस्तेमाल होने वाली कई दवाओं की कीमत तय की है.