Govardhan Puja 2024:आज 2 नवंबर को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, और इसी दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। इसे अन्नकूट भी कहा जाता है, और इसका संबंध द्वापर युग से है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है और विशेष रूप से मथुरा, वृंदावन, गोकुल, और बरसाना में मनाया जाता है। इस साल अमावस्या तिथि दो दिन होने के कारण गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जा रही है।
गोवर्धन पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि की शुरुआत: 1 नवंबर, शाम 6:16 बजे
तिथि का समापन: 2 नवंबर, रात 8:21 बजे
गोवर्धन पूजा के शुभ मुहूर्त
सुबह का मुहूर्त: 6:34 से 8:46 तक
शाम का मुहूर्त: 3:22 से 5:34 तक
गोवर्धन पूजा का महत्व
Govardhan Puja 2024 Shubh muhurt: कहा जाता है कि इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और घर में धन, संतान और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भगवान गिरिराज, जो भगवान श्रीकृष्ण के ही रूप माने जाते हैं, अपने भक्तों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
गोवर्धन पूजा की विधि
सबसे पहले घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाएं।
फिर रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल, और दीपक से पूजा करें।
परिवार के साथ गोवर्धन की सात परिक्रमा करें।
मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान कृष्ण की कृपा बनी रहती है, और गायों को गुड़-चावल खिलाने से विशेष आशीर्वाद मिलता है।
अन्नकूट का भोग
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण को विभिन्न प्रकार के अन्न, फल और सब्जियों से बने पकवानों का भोग लगाया जाता है। ये पकवान पहाड़ की तरह बनाकर भगवान कृष्ण को अर्पित किए जाते हैं और फिर सभी को प्रसाद के रूप में बांटे जाते हैं।
गोवर्धन पूजा की कथा
इस दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और इंद्रदेव की पूजा होती है। कथा के अनुसार, जब इंद्र देव ने गोकुलवासियों पर भारी बारिश कर दी थी, तो श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सबकी रक्षा की। तब इंद्रदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने भगवान कृष्ण से क्षमा मांगी। तभी से गोवर्धन पूजा में इंद्र की पूजा भी होती है।