पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा (S.M. Krishna) का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बेंगलुरु स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। वे उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे और हाल ही में मणिपाल अस्पताल में भर्ती हुए थे, जहां से उन्हें छुट्टी मिल गई थी। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। एस.एम. कृष्णा की सार्वजनिक सेवा और कर्नाटक के विकास में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
S.M. Krishna के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा, “एस.एम. कृष्णा एक असाधारण नेता थे, जिनकी प्रशंसा हर वर्ग के लोग करते थे। उनके कार्यकाल में कर्नाटक के बुनियादी ढांचे का जबरदस्त विकास हुआ। वे न केवल एक नेता, बल्कि एक विचारक और विद्वान भी थे।”
पांच दशकों का राजनीतिक करियर
एस.एम. कृष्णा का पांच दशकों से भी ज्यादा लंबा राजनीतिक जीवन रहा। उनका जन्म 1 मई 1932 को कर्नाटक के मद्दुर में हुआ। उन्होंने मैसूर के महाराजा कॉलेज और बेंगलुरु के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की यूनिवर्सिटीज से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
बेंगलुरु को आईटी हब बनाने में योगदान
1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए S.M. Krishna ने बेंगलुरु को आईटी हब में बदलने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, वे 2009 से 2012 तक विदेश मंत्री रहे और 2004-2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद संभाला। उनका नेतृत्व और प्रशासनिक कौशल हमेशा प्रेरणादायक रहेगा।