शादी में डांस, जिम में वर्कआउट या गरबा डांस जैसी गतिविधियों के दौरान युवाओं तक की मौत ने देश में सभी को चौंकाया है. बीते कुछ सालों में ऐसी घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है. इसके चलते यहां तक कयास लग रहे थे कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों के साथ ऐसी घटनाएं अधिक हो रही हैं. हालांकि ICMR ने बीते सप्ताह जो अपनी रिपोर्ट जारी की है, उसमें ऐसे सभी कयासों को खारिज किया गया है. स्टडी में साफ कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन अचानक मौतों की वजह नहीं है. हालांकि ICMR की स्टडी में कुछ हिदायतें भी दी गई हैं कि कैसे इस तरह की मौतों से बचा जा सकता है.
स्टडी में कहा गया, ‘हमारे कोरोना वैक्सीनेशन से अचानक मौतों का कोई संबंध नहीं पाया है. इसकी बजाय कोरोना वैक्सीन से तो अचानक मौत का रिस्क और कम ही हो जाता है.’ हालांकि स्टडी में कुछ फैक्टर्स को जरूर इसकी वजह बताया गया है. ये हैं- परिवार में अचानक मौतों की हिस्ट्री, कोरोना संक्रमण में अस्पताल में भर्ती होना या फिर बड़े पैमाने पर शराब पीना और प्रतिबंधित दवाओं का सेवन करना. यहां यह बात गौरतलब है कि फैमिली में अचानक मौतों की हिस्ट्री या फिर कोरोना के इलाज के लिए भर्ती होने पर हमारा कोई वश नहीं है.
लेकिन अत्यधिक मात्रा में शराब पीने और प्रतिबंधित या फिर बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं की हेवी डोज से बचना जरूर अपने हाथ में है. इस तरह लाइफस्टाइल से जुड़ी ये दो सावधानियां रखकर भी अचानक मौत से बचा जा सकता है. कार्डिएक अरेस्ट, हार्ट अटैक जैसी दिक्कतें युवाओं में भी खूब देखी गई हैं. यहां तक कि 19 साल के युवा की भी जिम में पिछले दिनों ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए मौत हो गई थी. इसके अलावा नवरात्रि के दौरान गरबा डांस करते हुए कई लोगों की मौत की खबर आई थी. इन खबरों ने सभी को हैरान कर दिया था.
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी पिछले महीने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि यदि किसी को कोरोना हो चुका है तो फिर उसे एक या दो साल तक बहुत ज्यादा मेहनत का काम नहीं करना चाहिए. ऐसे लोगों को हाई इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा था कि ऐसी स्थिति में कार्डिएक अरेस्ट या फिर हार्ट अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. ICMR की टीम ने अपनी स्टडी के लिए कुल 729 केसों का अध्ययन किया था. ये सभी लोग 18 से 45 साल के थे और इन्हें कोई गंभीर बीमारी भी नहीं थी.