प्रदेश में ऊर्जा शिक्षा और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने सभी ऊर्जा शिक्षा उद्यानों में ऑनग्रिड सोलर संयंत्रों की स्थापना को स्वीकृति दी है। इससे ये उद्यान ऊर्जा खपत में Net Zero लक्ष्य प्राप्त करेंगे।
ऊर्जा शिक्षा उद्यान:
प्रदेश में क्रेडा द्वारा स्थापित इन ऊर्जा उद्यानों का उद्देश्य गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन, जल, और भू-तापीय ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। वर्तमान में रायपुर, पाटन, राजनांदगांव, कोटमी सोनार, कबीरधाम, बस्तर, और बिलासपुर में 7 ऊर्जा शिक्षा उद्यान संचालित हैं।
ऊर्जा संयंत्र की स्थापना:
मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद, छह ऊर्जा उद्यानों में निम्नलिखित क्षमता के सोलर पावर प्लांट्स लगाए जाएंगे:
- रायपुर: 30 किलोवाट (20+10 किलोवाट)
- बिलासपुर: 20 किलोवाट
- कोटमी सोनार: 2 किलोवाट
- बस्तर: 5 किलोवाट
- कबीरधाम: 6 किलोवाट
- पाटन: 35 किलोवाट
राजनांदगांव में सुधार कार्य:
राजनांदगांव के ऊर्जा उद्यान में पहले से उपलब्ध सोलर पावर प्लांट्स की दुरुस्तीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है। इसके बाद यह उद्यान भी Net Zero के लक्ष्य को पूरा करेगा।
Net Zero का महत्व:
इन सोलर संयंत्रों से दिन के समय उपयोग होने वाली सारी ऊर्जा सौर ऊर्जा से प्राप्त होगी। अतिरिक्त ऊर्जा CSPDCL के ग्रिड में जाएगी और रात की खपत में इसका समायोजन होगा।
यह पहल न केवल ऊर्जा बचत को प्रोत्साहित करेगी बल्कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है।