नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए गांधी परिवार को एक्सपायरी दवा बताया है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आज (30 सितंबर) नामांकन का आखिरी दिन है. लेकिन पार्टी में गहलोत गुट के रुख से घमासान मचा हुआ है. न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में सरमा ने कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए पीएम मोदी के नेतृत्व में और ज्यादा बहुमत से सत्ता में वापसी करेगा. कांग्रेस सोचती है कि वह सत्ताधारी पार्टी है और बीजेपी ने सत्ता उससे छीन ली है.
सरमा ने कहा कि भारत में विपक्षी दलों के लिए लोकतंत्र के सामान्य मंच उपलब्ध हैं और एक अंतर्निहित प्रणाली है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन गांधी परिवार को विपक्षी पार्टी के तौर पर न देखें. वे एक्सपायरी दवा हैं. वे विपक्षी पार्टी की जिम्मेदारी भी नहीं निभा सकते क्योंकि वे मानते ही नहीं कि वे विपक्ष में हैं. उनके दिमाग में है कि हम ही सत्ताधारी पार्टी हैं. उन्हें कहीं न कहीं लगता है कि नरेंद्र मोदी ताकत के बल पर पीएम की कुर्सी पर हैं और वह कुर्सी उनकी है. वे विपक्ष में भारी गुस्से के साथ हैं.’
हिमंता ने कहा, ‘नौकरशाही के विभिन्न वर्गों के बीच यह धारणा है कि कांग्रेस शासन की स्वाभाविक पार्टी है और उसे ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए. ‘तब सही तरीके से लोकतंत्र होगा.’ हिमंता ने कांग्रेस पर सत्ता में रहते हुए विपक्षी सरकारों के खिलाफ आर्टिकल 356 का गलत इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी ने वन-पार्टी सिस्टम को चुनौती दी. वह कांग्रेस नेतृत्व को चैलेंज दे रहे हैं.’
दो दशक कांग्रेस में रहे हिमंता बिस्व सरमा काफी वक्त से बीजेपी का हिस्सा हैं. उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘कांग्रेस का सफाया होने के बाद, एक नई राजनीतिक पार्टी का उदय होगा, जिसकी एक समझ होगी कि वह एक विपक्षी पार्टी है और तब भारत में नॉर्मल पावर प्ले शुरू होगा.’
कांग्रेस के लिए मुश्किलों का दौर
उन्होंने कहा, ‘अब भी वन-पार्टी रूल हो सकता है लेकिन वन फैमिली रूल बना दिया गया. आप एक ऐसी संस्था बनाना चाहते हैं, जहां से पूरा भारत 10 जनपथ से चले. ऐसी संस्था आपको कभी नहीं मिलेगी.’ बता दें कि साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. अब अध्यक्ष चुनाव और राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के बीच राजस्थान में भी कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं.