एम्स के मेडिसन विभाग के प्रोफेसर नवल विक्रम का कहते हैं कि ठंड में शरीर से कम पसीना निकलता है, जिससे शरीर से सोडियम और पानी बाहर नहीं निकलने पर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. इसका असर हृदय को खून पहुंचाने वाली धमनियों पर भी पड़ता है. इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है. एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर अंबुज रॉय के मुताबिक, दिल की समस्या वाले लोगों के लिए इन दिनों अधिक जोखिम रहता है. डॉक्टरों का कहना है कि सर्दियों में हृदयघात, ब्रेन स्ट्रोक और अस्थमा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है. कई शोध के मुताबिक, ठंड बढ़ने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है.
ठंड के दौरान शरीर गर्म होने के लिए अतिरिक्त काम तो करता है, लेकिन इस दौरान हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमने से इसके संकुचित होने की आशंका होती है. ऐसे में हृदय रोगियों को सावधान रहने की जरूरत है.
नियमित रूप से व्यायाम करने से लाभ मिलेगा
शरीर से पसीना नहीं निकलना भी बड़ी वजह
एम्स के प्रोफेसर नवल विक्रम ने एक अध्ययन के हवाले से बताया कि ठंड में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 30 फीसदी तक बढ़ा जाता है. शरीर से पसीना न निकलने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ना भी ब्रेन स्ट्रोक की बड़ी वजह है. दिमाग तक ऑक्सीजन की जरूरी आपूर्ति नहीं होने से कोशिकाएं मरने लगती हैं. कई मामलों में तो मरीज को पता ही नहीं चलता कि वह ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुआ है.
ये हैं ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
1. अचानक शरीर के एक भाग में कमजोरी आना.
2. मांसपेशियों का विकृत हो जाना.
3. समझने या बोलने में मुश्किल होना.
4. कम दिखाई देना.
5. चलने में मुश्किल आना, चक्कर आना, संतुलन की कमी हो जाना. अचानक गंभीर सिरदर्द होना.
6. हाथों का सुन्न हो जाना या नीचे की ओर लटक जाना.
दिल के रोगी ये सावधानियां रखें
● ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें. नमक का सेवन कम करें. मक्खन व घी का प्रयोग भी सीमित मात्रा में करें. ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखना और वसा के जमाव का रोकना बेहद जरूरी है.
● इस मौसम में तरल पदार्थ लेते रहें. गुनगुना पानी पिएं.
● व्यायाम बेहद जरूरी है. शरीर से पसीना नहीं निकलेगा तो दिल के दौरे का खतरा अधिक रहेगा.
● तापमान में कमी की वजह से बाहर प्रदूषण अधिक होता है. इसलिए घर में ही व्यायाम करें तो बेहतर है.
● अधिक वसा युक्त चीजें खाना और सिगरेट, शराब आदि का सेवन बिल्कुल न करें. इससे रक्तवाहिनियां संकरी हो सकती हैं और हृदय तक सही रक्तसंचार में समस्या आ सकती है. इसके अलावा दबाव भी बन सकता है.