नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए शुक्रवार सुबह से मतदान शुरू हो चुका है और छात्रों में जोश और उत्साह का माहौल है। विश्वविद्यालय के अलग-अलग कॉलेजों और विभागों में छात्र अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके। इस बार चुनाव का मुख्य मुकाबला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के बीच हो रहा है, हालांकि वामपंथी समर्थित छात्र संगठन भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सभी छात्र संगठनों ने अपनी मांग रखी है। एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हों। सुबह के कॉलेजों में मतदान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि इवनिंग कॉलेजों में दोपहर से मतदान शुरू होगा।
हालांकि, मतगणना को लेकर कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट का कहना है कि जब तक सभी उम्मीदवार सार्वजनिक स्थानों पर लगे अपने पोस्टर और होर्डिंग्स नहीं हटाते, तब तक चुनाव के नतीजे घोषित नहीं किए जाएंगे।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने चुनाव को हिंसा-मुक्त रखने का वादा किया है और प्रशासन से निष्पक्षता बरतने की अपील की है। वहीं, एबीवीपी ने एनएसयूआई पर छात्रों को प्रलोभन देने का आरोप लगाया है और इसे छात्र सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया है।
एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष पद के लिए यश नांदल, सचिव पद के लिए नम्रता जेफ मीना, और संयुक्त सचिव पद के लिए लोकेश चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी तरफ, एबीवीपी ने अध्यक्ष पद के लिए ऋषभ चौधरी, उपाध्यक्ष पद के लिए भानु प्रताप सिंह, सचिव पद के लिए मित्रविंदा करनवाल और संयुक्त सचिव पद के लिए अमन कपासिया को मैदान में उतारा है।
पिछले साल 2023 में एबीवीपी ने चार में से तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिसमें अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के पद शामिल थे, जबकि एनएसयूआई ने उपाध्यक्ष पद जीता था। अब देखना यह है कि इस साल किस संगठन का पलड़ा भारी पड़ता है।