- पिछले पांच सालों में डीयू का राजस्व दोगुना हुआ
- छात्र फीस से होने वाला राजस्व पिछले पांच वर्षों में दोगुना होकर 200 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
- यूजीसी अनुदान में कमी
- दिल्ली यूनिवर्सिटी को यूजीसी से मिलने वाला अनुदान पिछले पांच सालों में 83% से घटकर 77% हो गया है, जिससे सार्वजनिक धन की भूमिका कम होती जा रही है।
- अधिकांश राजस्व छात्र फीस से
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल धन प्रवाह में से 76.6% यूजीसी से और 23.4% आंतरिक स्रोतों, जैसे कि छात्र फीस, से प्राप्त हुआ।
- फीस में लगातार वृद्धि
- डीयू ने पिछले दो वर्षों में फीस में कई बार वृद्धि की है, जिसमें पीएचडी प्रोग्राम की फीस में 60% की वृद्धि शामिल है।
- कम इस्तेमाल होने वाला धन
- विश्वविद्यालय के कुल रिसीट पिछले दो वर्षों में कुल व्यय से ज्यादा रहे हैं, जिससे यह पता चलता है कि धन का कम इस्तेमाल हो रहा है।
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