Delhi: राजनीति में कदम रखने के बाद से ही प्रतियोगी परीक्षाओं के शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा चर्चा में हैं। उन्हें आम आदमी पार्टी (AAP) ने पटपड़गंज सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है, और अब वे अरविंद केजरीवाल के बंगला विवाद पर अपनी टिप्पणी के कारण सुर्खियों में हैं। ओझा का यह बयान वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने केजरीवाल के आलीशान बंगले को लेकर विवाद को खारिज किया।
अवध ओझा ने इस मुद्दे पर कहा, “राजा को महल में ही रहना होता है।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान राम ने जब तपस्या के बाद जंगल से लौटने के बाद महल में प्रवेश किया, तो यह एक स्वाभाविक और आवश्यक कदम था। ओझा ने कहा, “प्रभु राम जंगल में महल बनाते तो लोग कहते कि यह कौन सी तपस्या है?”
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री का एक आधिकारिक प्रोटोकॉल होता है, और एक मुख्यमंत्री के लिए निश्चित रूप से एक सरकारी आवास होना चाहिए। उनका कहना था, “राजा का एक आवास होता है, और मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल भी है कि वह एक निश्चित स्थान से दूसरे स्थान पर जाएंगे। इसमें कोई गलती नहीं है।”
ओझा ने यह भी कहा कि सीएम आवास का विवाद केवल शब्दों का खेल है और इसे राजनीति से जोड़ा जा रहा है। उनका तर्क था कि इस पर ज्यादा बहस करना उचित नहीं है क्योंकि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।
अवध ओझा की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, और कई लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।