Delhi News: 13 दिसंबर 2001 को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन था। इस दिन आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने भारतीय संसद पर हमला किया। इस हमले में नौ वीर जवानों ने अपनी जान गवाई, लेकिन हमारे सुरक्षा बलों ने आतंकियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया। आज इस घटना की 23वीं बरसी पर पूरा देश उन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई हैं। आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल ने सीएम आतिशी पर कड़ा प्रहार करते हुए उनके माता-पिता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। स्वाति मालीवाल ने दावा किया है कि आतिशी के माता-पिता ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को बचाने के लिए माफी याचिकाएं दाखिल की थीं और कानूनी लड़ाई लड़ी थी।
क्या है आरोप?
स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“आज संसद हमले की बरसी पर मैं उन सभी वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं, जिन्होंने हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी इस बात पर स्पष्टीकरण दें कि उनके माता-पिता ने अफजल गुरु, जो इस हमले का मास्टरमाइंड था, को बचाने की कोशिश क्यों की? आज उन्हें माफी मांगनी चाहिए और खुलकर यह स्वीकार करना चाहिए कि अफजल गुरु एक आतंकवादी था।”
आतिशी की चुप्पी सवालों के घेरे में
स्वाति मालीवाल के इन आरोपों के बाद सीएम आतिशी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह चुप्पी उन पर लगे आरोपों को और मजबूत कर रही है। जनता के बीच यह सवाल उठ रहा है कि आतिशी क्यों इन आरोपों पर चुप्पी साधे हुए हैं?
अफजल गुरु को लेकर विवादित इतिहास
अफजल गुरु, जिसे संसद हमले का मास्टरमाइंड माना गया, को 2013 में फांसी दी गई थी। उस समय भी कुछ वर्गों द्वारा अफजल गुरु का समर्थन किया गया था, जिसमें मानवाधिकार और उदारवादी समूह शामिल थे। हालांकि, देश के बहुमत ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और न्याय की जीत माना।
राजनीतिक असर
स्वाति मालीवाल के इस बयान से दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है। आतिशी, जो आम आदमी पार्टी की प्रमुख नेता हैं, के खिलाफ इस तरह के आरोप उनकी राजनीतिक छवि पर गहरा असर डाल सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी और खुद आतिशी इन आरोपों का जवाब कैसे देती हैं।
आवश्यकता आत्ममंथन की
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब देश के खिलाफ इस तरह के आतंकी हमले होते हैं, तो कुछ लोग क्यों ऐसे आतंकियों का समर्थन करने की कोशिश करते हैं? क्या यह लोकतंत्र और देश की सुरक्षा के खिलाफ नहीं है? सीएम आतिशी को चाहिए कि वह इन आरोपों पर सफाई दें और अगर उनके माता-पिता ने वास्तव में ऐसा किया था, तो देश से माफी मांगें।
संसद पर हमला सिर्फ एक इमारत पर हमला नहीं था, यह हमारे लोकतंत्र पर हमला था। ऐसे में हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह आतंकवाद और उसके किसी भी समर्थक के खिलाफ खड़ा हो।