दिल्ली चुनाव: ल्ली विधानसभा चुनाव के माहौल में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के बीच तकरार और तेज हो गई है। आप ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि भाजपा पूर्वांचलियों को दिल्ली से उखाड़ने की साजिश कर रही है। पार्टी ने कहा कि भाजपा ने पहले तो पूर्वांचल समाज के लोगों को “रोहिंग्या” कहकर अपमानित किया और अब उनकी सामाजिक स्थिति को कमजोर करने के लिए बच्चों को प्रताड़ित करने और उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की योजना बना रही है।
आप के नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में एक आदेश पास किया है, जिसके तहत निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान की जाएगी। इसके तहत, निगम को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह इन बच्चों की पहचान कर और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करें, जिनकी उपस्थिति को लेकर संदेह है। आप का कहना है कि भाजपा इस बहाने पूर्वांचल समाज के गरीब और मेहनती लोगों को निशाना बना रही है।
आप सांसद संजय सिंह ने एक प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि भाजपा का यह कदम यूपी, बिहार और पूर्वांचल के लोगों के प्रति उसकी घृणास्पद मानसिकता का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा द्वारा पारित किए गए आदेश का उद्देश्य बांग्लादेशी प्रवासियों के नाम पर उन भारतीय नागरिकों को प्रभावित करना है, जो दिल्ली की झुग्गियों और बस्तियों में रहते हैं।
संजय सिंह ने यह दावा किया कि भाजपा के इस अभियान का असली लक्ष्य उन गरीब लोगों को उजाड़ना है, जो दिल्ली में रेहड़ी-पटरी पर अपना जीवन यापन करते हैं। उनका कहना था कि भाजपा की यह योजना दिल्ली में पूर्वांचल समाज को कमजोर करने और उनका अस्तित्व समाप्त करने की साजिश का हिस्सा है।
आम आदमी पार्टी ने भाजपा के इस कथित कदम को “झुग्गी-झोपड़ी उन्मूलन अभियान” और “अतिक्रमण हटाने की योजना” के रूप में भी देखा है, जो उनके अनुसार सिर्फ पूर्वांचलियों और बिहार, यूपी के गरीब नागरिकों को निशाना बनाती है। आप ने भाजपा को चेतावनी दी है कि यदि भाजपा अपनी इन साजिशों को जारी रखेगी, तो वे पूर्वांचल समाज के लिए एक “आर-पार की लड़ाई” लड़ने को तैयार हैं।
यह आरोप भाजपा के लिए चुनावी माहौल में एक नई चुनौती उत्पन्न कर सकते हैं, क्योंकि दिल्ली में पूर्वांचल समाज का महत्वपूर्ण वोटबैंक है। आम आदमी पार्टी की यह टिप्पणी आगामी चुनावों में भाजपा के लिए राजनीतिक असुविधा का कारण बन सकती है, खासतौर पर उस समय जब दिल्ली में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है।