दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियाँ तेज़ी से चल रही हैं। आज आम आदमी पार्टी (AAP) की PAC (Political Affairs Committee) की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी। इस बैठक के दौरान उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी की जा सकती है। हालांकि चुनाव की तारीखों का अभी ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक हलकों में चुनावी तैयारियाँ जोरों पर हैं।
दल-बदल और पार्टी में नई हलचल
दिल्ली में नेताओं का दल बदलने का सिलसिला भी तेज हो गया है। हाल ही में, आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बीजेपी जॉइन की, जबकि बीजेपी के पूर्व नेता और दो बार के विधायक अनित झा ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया। इसके अतिरिक्त, बीजेपी के पूर्व विधायक ब्रह्म सिंह तंवर ने भी आप का दामन थाम लिया है। इस तरह की राजनीतिक हलचलों से यह साफ हो रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के बीच की प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
फरवरी में हो सकते हैं चुनाव
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर फरवरी 2025 में चुनाव संभावित हैं, क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है। हालांकि, चुनाव तारीखों का ऐलान अब तक नहीं हुआ है, लेकिन चुनावी तैयारियाँ तेज़ हैं। खास बात यह है कि दिल्ली में अभी भी आम आदमी पार्टी की सरकार है, और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं।
बीजेपी भी चुनाव की तैयारी में जुटी
बीजेपी भी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। पार्टी प्रचार प्रसार को और तेज़ करने के लिए योजनाएं बना रही है। बीजेपी ने इस बार चुनाव में 10 पार्षदों और एल्डरमैन पार्षदों को उतारने की योजना बनाई है, जिनकी छवि साफ-सुथरी और मजबूत है। पार्टी का उद्देश्य विधानसभा चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करना है।
AAP की शानदार जीत और भविष्य की चुनौती
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी और पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। वहीं, बीजेपी को केवल 8 सीटों से संतोष करना पड़ा था। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को 53.57% वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 38.51% वोट प्राप्त हुए थे। इस बार चुनाव के परिणाम दिल्ली के राजनीतिक भविष्य को आकार देंगे।
अब, देखते हैं कि आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी और बीजेपी की चुनावी रणनीतियाँ किस प्रकार से परिणाम देती हैं।