उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। यह प्रदर्शन आयोग द्वारा PCS-2024 और RO/ARO-2023 की प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के निर्णय के खिलाफ है। छात्र इस फैसले को असंतोषजनक मानते हैं और परीक्षा को एक ही दिन में कराने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के तीसरे दिन भी छात्रों का उत्साह कम नहीं हुआ है, और उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती,तब तक वे पीछे नहीं हटने वाले.
प्रदर्शन में छात्रों की बढ़ती संख्या
प्रदर्शन में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दिल्ली, लखनऊ, और अन्य शहरों से भी प्रतियोगी छात्र प्रयागराज आकर इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। उनका कहना है कि दो दिवसीय परीक्षा प्रणाली से उनका नुकसान हो सकता है, क्योंकि इस प्रक्रिया से परिणामों में अंतर और नार्मलाइजेशन में विसंगतियां आ सकती हैं, जिससे उनकी मेहनत का सही आकलन नहीं होगा।
नार्मलाइजेशन प्रक्रिया पर विरोध
छात्र नार्मलाइजेशन प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अलग-अलग दिन के प्रश्नपत्रों में कठिनाई का स्तर अलग हो सकता है, जिससे परीक्षा परिणामों में असमानता आ सकती है। वे चाहते हैं कि परीक्षा एक ही दिन में हो, ताकि सभी को समान प्रश्नपत्र मिल सके और भेदभाव से बचा जा सके।
अधिकारी समाधान की तलाश में
UPPSC के अधिकारी छात्रों की आपत्तियों का समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय जारी रखा गया है। अधिकारियों का कहना है कि केंद्रों की कमी के कारण दो दिवसीय परीक्षा जरूरी है।
आगे की योजना
अधिकारियों और छात्रों के बीच समाधान पर बातचीत जारी है, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े हैं और प्रदर्शन जारी रखने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि वे अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार हैं।