चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, CJI डीवाई चंद्रचूड़ का आज कार्यकाल समाप्त हुआ, और यह दिन न केवल उनके लिए, बल्कि पूरी कानूनी बिरादरी के लिए ऐतिहासिक था। कोर्ट के कक्ष में एक भावनात्मक वातावरण था, जब उन्होंने अपने आखिरी दिन के महत्वपूर्ण फैसले सुनाए और फिर अपने सहयोगियों, अधिवक्ताओं और न्यायधीशों से भरी अदालत को संबोधित किया। लेकिन सबसे खास पल वह था, जब सीजेआई ने अनजाने में किसी को पहुंचाई ठेस के लिए माफी मांगी और सिर झुका कर हाथ जोड़े।
सीजेआई ने अपने विदाई भाषण में कहा, “कल शाम रजिस्ट्रार आए और मुझसे पूछा कि विदाई समारोह की औपचारिकताएं कब पूरी की जाएं। मैंने पूछा, ‘दोपहर 2 बजे?’ और फिर सोचा, ‘दोपहर के वक्त कोई अदालत में होगा भी या मैं खुद ही अपनी छाया से बात करूंगा?’”
जब उन्होंने अपने छोटे दिनों को याद किया, तो उनकी आंखों में एक अजीब सी चमक आ गई। उन्होंने कहा, “जब मैं बच्चा था, तो बड़ी आशा और जिज्ञासा से कोर्ट की कार्यवाही देखता था। बहस कैसे होती है, कोर्ट के फैसले कैसे बनते हैं। यह सब मेरे लिए अद्भुत था। इस कोर्ट में हर कदम पर यही सीखने का अनुभव मिला कि हम जो निर्णय लेते हैं, वह समाज की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं—या तो उसे संजीवनी दे सकते हैं, या उसे और बिगाड़ सकते हैं।”
सीजेआई ने यह भी कहा कि इस अदालत में कई महान न्यायाधीश हुए हैं जिन्होंने इसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया। “यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात रही कि मुझे इस ऐतिहासिक कुर्सी पर बैठने का अवसर मिला,” उन्होंने गर्व से कहा। हालांकि, उनका यह बयान भावनाओं से ज्यादा सच्चाई से भरा था, क्योंकि उन्होंने अपने अंतिम शब्दों में कहा, “अब जस्टिस खन्ना इस पद को संभालेंगे, और मैं जानता हूं कि वे इस अदालत की गरिमा को और बढ़ाएंगे।”
WATCH: On his last working day, Chief Justice of India Dr DY Chandrachud gets emotional and wipes tears from his eyes as his brother judges – Justice Hrishikesh Roy and Justice PS Narasimha praise him and recall memories of working with him.
“He happens to be a classmate of… pic.twitter.com/WqnPMqCGAt
— Law Today (@LawTodayLive) November 8, 2024
विदाई के इस मौके पर सीजेआई ने अदालत और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी और समर्पण का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “इस कोर्ट ने मुझे हर दिन कुछ नया सिखाया। यह केवल एक न्यायिक संस्थान नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा स्थल है, जो समाज के बेहतर भविष्य के लिए हमारे कामों को दिशा देता है।”