रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बेरोजगारी भत्ते की दूसरी किश्त जारी करते हुए युवाओं से कहा कि आपको बेरोजगारी भत्ते से सहायता मिल रही है, लेकिन मुझे बेरोजगारी भत्ता देने से ज्यादा खुशी तब होगी जब आपके हाथ में रोजगार होगा। सरकारी नौकरी के लिए हम लगातार वेकेंसी निकाल रहे हैं इसके साथ ही आपको कौशल प्रशिक्षण भी दे रहे हैं ताकि आप अपना काम भी शुरू कर सकें। बेरोजगारी भत्ता एक छोटा सा सहयोग भर है, जिसके माध्यम से आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बेरोजगारी भत्ते की प्रथम किश्त के वितरण के समय पिछले कार्यक्रम में मैंने कहा था रोक हटते ही अखबार नौकरियों के विज्ञापन से भरे होंगे, आज हमने अपना वादा निभाया है। आज विभिन्न विभागों में लगातार भर्तियों के विज्ञापन निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में हर वर्ग के लोग रहते हैं। कुछ लोग मजदूरी करते है, तो कुछ लोग खेती-किसानी, तो कुछ लोग छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं। सभी की आर्थिक स्थिति एक समान नहीं होती। इन परिवारों के युवाओं को लगता है कि माता-पिता ने हमें लिखा-पढ़ा दिया लेकिन हम माता-पिता पर आश्रित हैं। ऐसे युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ते के रूप में मिलने वाली 2500 रूपए की राशि उनके लिए बड़ा सहारा है। इस राशि से प्रतियोगी परीक्षा के लिए किताब खरीदने आदि कार्यों में मदद मिलती है। राज्य सरकार ने व्यापम, पीएससी की परीक्षाओं में युवाओं की परीक्षा फीस माफ कर दी हैं। इससे इन परिवारों का आर्थिक बोझ कम हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वे स्वरोजगार और रोजगार के लिए तैयार हो सकें। रीपा में छोेटे-छोटे कुटीर उद्योगों के जरिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, रीपा योजना, कृषि और वन आधारित उद्योगों की स्थापना, कृषि और वनोपजों का प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन, सी-मार्ट की स्थापना, रोजगारोन्मुखी स्कूली शिक्षा की शुरुआत जैसे अनेक कदम राज्य सरकार द्वारा उठाए गए हैं। इन प्रयासों से छत्तीसगढ़ आज देश में न्यूनतम बेरोजगारी दर वाला राज्य है, हमारी कोशिश है कि छत्तीसगढ़ की यह पहचान आगे भी बनी रहे।