छत्तीसगढ़ ने सेतुबंध आसन के प्रदर्शन के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया है. राजधानी रायपुर के बूढ़ापारा स्थित स्वर्गीय बलबीर जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आज प्रदेशभर से आए 2000 से अधिक योगाभ्यासियों ने तिरंगे रंग का प्रतिरूप बनाते हुए एक साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए सेतुबंध आसन का सामूहिक प्रदर्शन किया.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस उपलब्धि पर शुभकामना संदेश में कहा है कि ‘छत्तीसगढ़ जब तक करेगा योग, तब तक रहेगा निरोग‘. उन्होंने कहा कि सेतुबंध आसन मन और शरीर को ब्रिज की तहत जोड़ता है. गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई ने रिकार्ड बनने की घोषणा करते हुए छत्तीसगढ़ योग आयोग को प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रदान किया.
छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा लोगों को योग के महत्व के प्रति जागरूक करने और स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदीप शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉॅर्ड में नाम दर्ज कराना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. ज्ञानेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोगों के स्वास्थ को प्राथमिकता में रखते हुए छत्तीसगढ़ योग आयोग को महती जिम्मेदारी सौंपी. इसे पूरा करते हुए आयोग द्वारा प्रदेश में लगभग 50 नियमित निःशुल्क योगाभ्यास केन्द्र शुरू किये गए हैं. सभी संभागों के योगसाधकों में प्रशिक्षण देकर गांव-गांव तक योग का प्रचार किया जा रहा है.
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग तन, मन और धन को सुरक्षित रखता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुसार आम नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उनके विधानसभी क्षेत्र के 90 प्रतिशत से अधिक वार्डों में निःशुल्क योग केन्द्र खोले गए हैं. डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि सभी योगसाधक 10-10 लोगों को योग सिखाएं. अगले वर्ष बड़ी संख्या में एक बार फिर सभी रिकॉर्ड बनाएंगे.
सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में सेतुबंध आसन के साथ-साथ अन्य आसनों, प्राणायामो तथा ध्यान का अभ्यास भी किया गया. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की उपाध्यक्ष चित्ररेखा साहू, छत्तीसगढ़ योग आयोग के सदस्यगण राजेश नारा, रविन्द्र सिंह, गणेश योगी, संस्कृत विद्यामंडलम के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शर्मा, आईजी रतनलाल डांगी, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साधकगण सहित बड़ी संख्या में योग प्रशिक्षक और साधकगण और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे.