छत्तीसगढ़ में 5000 बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने इन शिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही इन्हें नौकरी से बाहर करने के आदेश जारी होंगे।
क्यों हटाए जा रहे हैं ये शिक्षक?
सरकार के नियमों के अनुसार, प्राइमरी स्कूल में केवल डीएलएड (D.El.Ed) डिप्लोमाधारी उम्मीदवार ही शिक्षक बन सकते हैं। बीएड डिग्रीधारी शिक्षक उच्च कक्षाओं के लिए योग्य हैं। लेकिन गलती से इन्हें प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त कर दिया गया था।
डीएलएड डिप्लोमाधारकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इसे नियमों के खिलाफ बताया। कोर्ट ने उनकी बात सही मानते हुए आदेश दिया कि बीएड शिक्षकों को हटाकर डीएलएड डिप्लोमाधारकों को नियुक्त किया जाए।
प्रभावित शिक्षक और सरकार की तैयारी
बस्तर और सरगुजा संभाग के लगभग 2900 बीएड शिक्षकों की नौकरी पर खास असर पड़ेगा। ये शिक्षक 14 महीने से अपनी सेवाएं दे रहे थे।
राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुसार, डीएलएड डिप्लोमाधारकों की मेरिट सूची तैयार करने का काम व्यापमं को सौंपा था। लेकिन इसमें देरी हुई, जिससे कोर्ट ने नाराजगी जताई और सात दिनों के भीतर कार्रवाई का आदेश दिया।
क्या होगा आगे?
बीएड शिक्षकों की जगह डीएलएड डिप्लोमाधारकों को नियुक्त किया जाएगा।
राज्य सरकार ने आज से इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि समय बर्बाद करने पर गंभीर कदम उठाए जाएंगे।