पटना . बिहार में लागू हुई नई आरक्षण व्यवस्था को संविधान के अनुच्छेद 31(ख) की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने पर राज्य कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. साथ ही कैबिनेट ने राज्यकर्मियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी समेत कुल 40 प्रस्तावों को हरी झंडी दी. कैबिनेट ने प्रस्ताव लाकर बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65 फीसदी करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद भी दिया. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि नए आरक्षण प्रावधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करने पर इसे न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी. दरअसल, कई राज्यों में पूर्व में आरक्षण बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है.
नौवीं अनुसूची की खासियत इस अनुसूची में केंद्रीय और राज्य कानूनों की एक सूची है, जिसे न्यायालयों में चुनौती नहीं दी जा सकती है. इसे संविधान (प्रथम संशोधन) अधिनियम- 1951 द्वारा जोड़ा गया था. पहले संशोधन में अनुसूची में 13 कानूनों को जोड़ा गया था. बाद के विभिन्न संशोधनों सहित वर्तमान में संरक्षित कानूनों की संख्या 284 हो गई है. इन्हें न्यायिक समीक्षा संरक्षण प्राप्त है. अर्थात इन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है.
विशेष राज्य का दर्जा मिल जाने के बाद हम अपने लोगों की सही तरीके से मदद कर सकेंगे. जो लोग पीछे छूट गए हैं, उन्हें मदद कर सकेंगे. उनके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है. इसके तहत गरीब परिवारों को आर्थिक मदद करने, बेघरों को जमीन व मकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता करने, झोपड़ियों में रहने वालों को पक्का मकान उपलब्ध कराने और सतत जीविकोपार्जन के लिए आर्थिक मदद दोगुनी करने के लिए हमें 2.50 लाख करोड़ की आवश्यकता पड़ेगी.
राज्यकर्मियों-पेंशनधारियों का महंगाई भत्ता 4 बढ़ा
राज्यकर्मियों और पेंशनधारियों को 46 फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) मिलेगा. कैबिनेट ने बुधवार को कर्मियों और पेंशनधारियों के डीए में चार फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सातवें वेतनमान के कर्मियों को 1 जुलाई 2023 के प्रभाव से यह लाभ दिया जाएगा. दिसंबर महीने के वेतन में एरियर के साथ बढ़े महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा. डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि इसका सीधा लाभ पांच लाख राज्यकर्मियों और छह लाख पेंशनभोगियों को होगा.