रायपुर: अब छत्तीसगढ़ में सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) राज्य के सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बिना राज्य सरकार की लिखित अनुमति के न तो कोई केस दर्ज कर सकेगी और न ही जांच कर पाएगी। राज्य सरकार ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत यह नियम लागू किया है। लेकिन सीबीआई को केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में कहीं भी जांच करने की छूट दी गई है।
राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि राज्य के कर्मचारियों से जुड़े मामलों पर सरकार का नियंत्रण रहे। अगर ऐसा नहीं होता, तो सीबीआई जब चाहे राज्य के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार या अन्य मामलों की जांच शुरू कर सकती थी और उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती थी। अब ऐसा तभी होगा जब राज्य सरकार पहले से लिखित अनुमति देगी। इसका मतलब यह है कि राज्य सरकार के अधिकारी बिना अनुमति के किसी भी मामले में न तो गिरफ्तार होंगे और न ही उन पर जांच शुरू की जा सकेगी।
सीबीआई के लिए यह नियम भी बनाया गया है कि छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों पर जांच शुरू करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेना जरूरी होगा। हालांकि, सीबीआई को केंद्र सरकार और उसके अधीन आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के खिलाफ जांच करने की पूरी आजादी होगी।
इसका मतलब है कि केंद्र सरकार या सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मियों पर सीबीआई कहीं भी और कभी भी छत्तीसगढ़ में जांच कर सकती है।