नई दिल्ली. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के केंद्र सरकार में शामिल होने के बाद पार्टी को अब जल्द नया अध्यक्ष बनाना होगा.
नड्डा के अध्यक्ष का कार्यकाल पिछले साल जनवरी में ही समाप्त हो गया था, लेकिन पार्टी ने उनको लोकसभा चुनाव तक के लिए विस्तार दिया था. आज जबकि नड्डा केंद्रीय मंत्री बन गए हैं, तब पार्टी में नया अध्यक्ष आना तय हो गया है. भाजपा में एक व्यक्ति एक पद पर काम होता है, इसलिए भी नया अध्यक्ष बनना तय है. भाजपा के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं के सरकार में शामिल होने से पार्टी नए चेहरे को संगठन की कमान सौंप सकती है. पिछली बार 2019 में 300 से ज्यादा लोकसभा सीट जीतने के बाद पार्टी ने तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सरकार में शामिल किया था. कुछ समय बाद जेपी नड्डा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. इसके पहले जेपी नड्डा ने अमित शाह के साथ में कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम किया था. इस बार भी नया अध्यक्ष बनने तक नड्डा के साथ किसी नेता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. जिसे यह पद दिया जाएगा उसे ही नया अध्यक्ष बनाने की संभावना ज्यादा रहेगी.
संघ की भूमिका अहम होगी : सूत्रों के अनुसार, पार्टी में इस बार नए अध्यक्ष चुनने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका भी अहम रहेगी, क्योंकि भाजपा का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में उसके तमाम दावों के अनुसार नहीं रहा है.
नए अध्यक्ष पद के लिए जिन नाम की चर्चा पार्टी में है, उनमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण के नाम प्रमुख हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के ओबीसी समुदाय से आने के चलते पार्टी अगड़े समुदाय, खासकर ब्राह्मण समुदाय से आने वाले किसी नेता को यह पद सौंप सकती है.