बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हुसैन शंटो ने एक बड़ा और चौंकाने वाला बयान दिया है—टी20 क्रिकेट में उनकी टीम को अब तक यह नहीं पता चला है कि 180 से ज्यादा का स्कोर कैसे बनाया जाता है। यह बयान न केवल टीम की वर्तमान स्थिति को उजागर करता है, बल्कि उनके संघर्षों की एक झलक भी देता है।
बांग्लादेश की बल्लेबाजी कुछ समय से उनका सबसे कमजोर पक्ष रही है। खासकर पावर प्ले में, जहां रन बनाने की गति का अभाव साफ दिखता है। भारत के खिलाफ पहले टी20 में भी बांग्लादेश को शुरुआती छह ओवरों में सिर्फ 39 रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा, वह भी दो विकेट खोकर। पूरी टीम महज 127 रनों तक ही पहुंच पाई, जिसे भारत ने आराम से 11.5 ओवरों में हासिल कर लिया, और सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली।
मैच के बाद, शंटो ने बड़ी ईमानदारी से कहा, “हमारे पास क्षमता तो है, लेकिन हमारी तकनीक में सुधार की गुंजाइश है। पिछले 10 सालों से हमारी बल्लेबाजी का यही हाल है—कभी चमक दिखाते हैं, कभी नहीं। अब हमें कुछ ठोस बदलाव करने होंगे।”
शंटो ने आगे बताया कि बांग्लादेश की घरेलू पिचें उनकी बल्लेबाजी के विकास में एक बड़ी बाधा हैं। “हम ऐसे विकेट पर खेलते हैं जहां 140-150 का स्कोर ही बनता है। हमारे बल्लेबाज 180 रन कैसे बनाते हैं, यह सीख नहीं पाए हैं। लेकिन मैं सिर्फ विकेटों को दोष नहीं दूंगा, हमें अपनी मानसिकता और कौशल पर भी काम करना होगा।”
कप्तान ने यह भी साफ किया कि टीम का मौजूदा प्रदर्शन उनकी क्षमता से कमतर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे एक बुरी टीम हैं। “हमने खराब खेल नहीं खेला, बस उतना अच्छा नहीं खेला जितना हम कर सकते हैं। हमारी पूरी बल्लेबाजी इकाई ने निराश किया, किसी एक खिलाड़ी ने नहीं।”
पावर प्ले में कमजोर प्रदर्शन बांग्लादेश के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है। शंटो ने स्वीकार किया कि अगर शुरुआती छह ओवरों में विकेट सुरक्षित रखते हुए रन नहीं बनाए गए, तो बाद के बल्लेबाजों के लिए खेल और मुश्किल हो जाता है। “पावर प्ले में बल्लेबाजी करने वाले हमारे खिलाड़ियों को ज्यादा जिम्मेदारी लेनी होगी,” उन्होंने स्पष्ट किया।