Bahraich Violence : उत्तर प्रदेश के बहराइच में एक दुर्गा प्रतिमा का शांतिपूर्ण विसर्जन अचानक हिंसक विरोध में तब्दील हो गया, जब भीड़ का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। महसी के महाराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए सांप्रदायिक तनाव ने जैसे पूरे शहर को एक बारूदी सुरंग पर ला खड़ा किया। एक युवक की गोली लगने से हुई मौत ने आग में घी का काम किया, और प्रदर्शनकारियों का गुस्सा विकराल रूप ले लिया।
सोमवार का दिन मानो एक भयानक तूफान का संदेश लेकर आया था। विरोध प्रदर्शन की लपटें अस्पतालों और दुकानों तक पहुंच गईं, जहां गुस्साए लोगों ने आगजनी और तोड़फोड़ की। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया, मगर भीड़ को रोक पाना इतना आसान नहीं था। वायरल होते वीडियो ने घटना की गंभीरता को और बढ़ा दिया, जिससे प्रशासन ने तुरंत इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया, ताकि अफवाहें और न फैल सकें।
सांप्रदायिक दरार से फूटा तनाव
रविवार को हुए एक सांप्रदायिक विवाद की जड़ें इस हिंसा में गहराई से जमी हुई थीं। जुलूस में बज रहे गाने को लेकर शुरू हुआ टकराव इस हद तक बढ़ गया कि गोलीबारी में 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की जान चली गई। इस घटना ने बहराइच के मंसूर गांव को मानो बारूद के ढेर पर बिठा दिया। पुलिस ने मामले में सलमान नामक व्यक्ति पर गोली चलाने का आरोप लगाया और उसे हिरासत में ले लिया। इस सांप्रदायिक संघर्ष में आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिससे क्षेत्र में दहशत और बढ़ गई।
सीसीटीवी फुटेज बना सुराग
बहराइच की पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज के जरिए अराजक तत्वों की पहचान में लगी है। लगभग 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और इलाके में पुलिस बल को बढ़ा दिया गया है। वृंदा शुक्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने इस हिंसा को भड़काया है, उन्हें कानून के दायरे में लाकर सख्त सजा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री का कड़ा संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा की तीखी आलोचना की और स्पष्ट किया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि प्रतिमा विसर्जन का कार्य सुचारू रूप से पूरा हो, और सभी धार्मिक संगठनों के साथ समन्वय बनाए रखा जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके।