Bahraich Violence: बहराइच में मंगलवार को तनाव का तीसरा दिन था, और शहर की सड़कों पर पसरा सन्नाटा इस बात का गवाह था कि स्थिति गंभीर है। हर चौराहे पर पुलिस तैनात, जगह-जगह बैरिकेड्स, और एंट्री के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य कर दिया गया। इंटरनेट को बंद कर अफवाहों की रफ्तार पर रोक लगा दी गई है, और फिलहाल शांति कायम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद गृह सचिव और एडीजी अमिताभ यश खुद बहराइच में मोर्चा संभाले हुए हैं। पुलिस सर्च ऑपरेशन चलाकर हिंसा के आरोपियों को ढूंढने में जुटी है। बहराइच इस वक्त पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। 12 कंपनी पीएसी, 2 एएसपी, और 4 सीओ की तैनाती के साथ सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। अब तक 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, मुख्य आरोपी सलमान अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। सीएम योगी आज लखनऊ में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे।
इस बीच, पुलिस वीडियो फुटेज के आधार पर उन उपद्रवियों की पहचान कर रही है, जिन्होंने सोमवार को आगजनी की थी। बहराइच के रमपुरवा चौकी, महसी और महाराजगंज इलाकों में 20 किमी तक हिंसा की लहर फैल चुकी है। भीड़ ने अस्पतालों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया था, और रातभर पुलिस बल हिंसा प्रभावित इलाकों में गश्त करता रहा। बावजूद इसके, लोगों में गुस्सा उबाल पर है, क्योंकि अब तक किसी बड़े आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
सियासी रंग भी इस मामले पर चढ़ चुका है। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला करते हुए कहा कि चुनाव आते ही माहौल खराब होना महज एक इत्तेफाक नहीं हो सकता। उन्होंने एक्स पर लिखा कि चुनाव का आना और हिंसा का भड़कना साथ-साथ चलता दिख रहा है।
रविवार को हरदी इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान डीजे बजाने को लेकर शुरू हुआ झगड़ा देखते-देखते एक खतरनाक रूप ले चुका है। पथराव, आगजनी और 20 राउंड से अधिक फायरिंग ने इस झगड़े को खूनी संघर्ष में तब्दील कर दिया। अब शहर की निगाहें पुलिस पर टिकी हैं कि कब तक आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और हालात कब तक सामान्य होंगे।