Baba Siddique Murder : बीती रात मुंबई में एक भयानक घटना ने सभी को सन्न कर दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अनुभवी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी को गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह वारदात मुंबई के बांद्रा पश्चिम स्थित निर्मल नगर में हुई, जहां बाबा सिद्दीकी अपने बेटे, कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर थे। इस नृशंस हमले के तुरंत बाद पुलिस ने दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो अन्य शूटर फरार हो गए हैं।
प्लानिंग का गहरा जाल
Baba Siddique Murder: शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ कि इस हत्याकांड की योजना पंजाब की एक जेल में बनाई गई थी। पकड़े गए शूटरों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से अपने संबंधों का खुलासा किया है। इनमें से पहला शूटर, 23 वर्षीय करनैल सिंह, हरियाणा का रहने वाला है, जबकि दूसरा, 19 वर्षीय धर्मराज कश्यप, उत्तर प्रदेश का निवासी है। ये शूटर पिछले 25-30 दिनों से इलाके की रेकी कर रहे थे और बाबा सिद्दीकी के निकलने का इंतजार कर रहे थे।
जेल में अपराध की नीव
अधिकारी बताते हैं कि शूटरों ने बाबा को मारने के लिए 2.5 से 3 लाख रुपये की सुपारी ली थी। वे जब पंजाब की जेल में थे, तब बिश्नोई गैंग के एक सदस्य से संपर्क में आए और उसके बाद इस खौफनाक योजना को अंजाम देने के लिए तैयार हुए। उनके मुताबिक, हत्या के दिन उन्होंने पहले से योजना बनाई थी और जैसे ही बाबा कार्यालय से बाहर निकले, उन पर हमला कर दिया गया।
डर और सुरक्षा
बाबा सिद्दीकी को पिछले 15 दिनों में जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसके बाद उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। लेकिन उस रात की वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। शूटरों ने छह गोलियां चलाईं, जिनमें से दो सीधे बाबा के सीने में लगीं। उन्हें तुरंत नजदीकी लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें बचाने में असमर्थता जताई।
राजनीति के दांव-पेंच
बाबा सिद्दीकी का यह हत्याकांड मुंबई की राजनीति में एक बड़ा भूचाल लाने की संभावना रखता है। इस साल 8 फरवरी को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर अजित पवार की एनसीपी में शामिल होने का फैसला लिया था। सिद्दीकी पहले 1999 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे और बाद में कई बार चुनाव जीतने में सफल रहे। उनके बेटे जीशान अभी भी कांग्रेस के विधायक हैं।