दिल्ली की सियासी बिसात पर एक नया मोड़ आया है, जब पीडब्ल्यूडी ने बुधवार को सिविल लाइंस के 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित मुख्यमंत्री आवास को सील कर दिया। इस कार्रवाई ने राजनीतिक पटल पर हलचल मचा दी है, क्योंकि इसमें मुख्यमंत्री आतिशी का सामान भी बाहर फेंक दिया गया। इस बीच, पहली बार उनके काम करने की तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह अपने पैक किए गए सामान के बीच बैठकर अपने दफ्तर के कार्य को संभालती नजर आ रही हैं।
सीएम कार्यालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह सब दिल्ली के उपराज्यपाल के आदेश पर हुआ, और यह न केवल आतिशी के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक पल है। पहली बार एक जनता द्वारा चुनी गई मुख्यमंत्री को उसके आधिकारिक आवास और कैम्प कार्यालय से जबरन बेदखल किया गया है। याद रहे कि 6 अक्तूबर को पीडब्ल्यूडी ने आतिशी को इस आवास की चाबी सौंपने के बाद सभी नियमों का पालन करने का दावा किया था।
इस विवाद के बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “27 सालों से भाजपा दिल्ली में वनवास काट रही है। अब जब वह चुनाव में आप को नहीं हरा पाई, तो वह सीएम आवास पर कब्जा करना चाहती है।” उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पहले ही सीएम आवास खाली कर दिया था, जिसका प्रमाणपत्र भी है। इसके बावजूद, जब आतिशी ने इस आवास को कैंप कार्यालय बनाकर मीटिंग आयोजित की, तो वहां से स्टाफ को हटा दिया गया।
भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक खेल का एक हिस्सा बताते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली में सत्ता हासिल करने के लिए कई योजनाएं अपनाईं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि “यह सीलिंग जन आकांक्षाओं के अनुरूप है।” उन्होंने यह भी कहा कि लोकनिर्माण विभाग को इस विवादित ‘शीश महल’ का वीडियो ग्राफिक सर्वेक्षण करवाकर उसकी रिपोर्ट जनता के सामने लानी चाहिए।