आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं और पांच प्रमुख सवाल किए हैं। केजरीवाल ने कहा कि देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति देखकर वे चिंतित हैं और उन्होंने बताया कि भाजपा भारतीय लोकतंत्र को गलत दिशा में ले जा रही है, जिससे लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है।
केजरीवाल के पांच सवाल:
भ्रष्टाचार और धमकी: केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अन्य पार्टियों के नेताओं को धमकाकर और लालच देकर तोड़ रही है। उन्होंने पूछा कि क्या लोकतंत्र में इस तरह एक चुनी हुई सरकार को गिराना सही है?
भ्रष्ट नेताओं को स्वीकार करना: उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह मंच पर कुछ नेताओं को भ्रष्ट कहते हैं और बाद में उन्हें भाजपा में शामिल कर लेते हैं। उन्होंने यह उदाहरण दिया कि कैसे मोदी ने एक नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कुछ दिन बाद उसे डिप्टी सीएम बना दिया। क्या ऐसा होना सही है?
आरएसएस की जिम्मेदारी: केजरीवाल ने कहा कि भाजपा आरएसएस की संस्था से निकली है। यदि भाजपा गलत रास्ते पर जा रही है, तो आरएसएस को उसे सही रास्ते पर लाना चाहिए।
जेपी नड्डा का बयान: केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के नेता जेपी नड्डा ने कहा था कि उन्हें आरएसएस की जरूरत नहीं है। क्या यह बात आरएसएस के कार्यकर्ताओं को ठेस नहीं पहुंचाती?
कानून का दोहरा मापदंड: उन्होंने पूछा कि आप सभी ने एक कानून बनाया कि 75 साल के बाद नेता रिटायर होंगे। इस कानून के तहत कई नेता रिटायर हुए, लेकिन अमित शाह ने कहा कि यह कानून प्रधानमंत्री पर लागू नहीं होगा। क्या यह उचित है कि कानून सबके लिए समान नहीं होता?