देहरादून: अल्मोड़ा बस हादसा उत्तराखंड के इतिहास में एक बेहद दिल दहला देने वाली घटना बनकर उभरा है, जिसमें 36 निर्दोष जानें चली गईं और 27 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रदेशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। हादसे में घायल लोगों का इलाज प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है, जिनमें से कई की हालत नाजुक बनी हुई है। इस दर्दनाक घटना के बाद, उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और योजनाओं के लोकार्पण जैसे उत्सवों को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है।
5 नवंबर, मंगलवार को उत्तराखंड सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए गहन समीक्षा की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि दुर्घटनास्थल पर क्रैश बैरियर लगाने की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही कुमाऊं कमिश्नर को अल्मोड़ा बस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उन पुलिस चौकियों की भी जांच की जा रही है, जहां से ओवरलोड बसें रवाना हुई थीं। जांच में अगर कोई भी जिम्मेदार पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। धामी ने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य अब घायलों का उपचार और उनके बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में कदम उठाना है। जिलाधिकारियों को भी इस दिशा में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। इस दुखद हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों से भी जिलाधिकारी मुलाकात करेंगे और सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी।
सीएम धामी ने दुखी मन से कहा कि यह हादसा राज्य के लिए एक भारी शोक का कारण बन गया है, जिससे राज्य स्थापना दिवस के दौरान आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अन्य समारोहों को स्थगित किया गया है। 8 नवंबर को प्रस्तावित कार्यक्रम अब नहीं होंगे, और राज्य स्थापना दिवस इस बार सादगी से और शोक के माहौल में मनाया जाएगा।