केंद्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा की ओर से की जा रही कवायदों के बीच एनडीए के अहम घटक दल जदयू ने सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना की समीक्षा किए जाने की मांग उठाई है.
जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने संवाददाताओं से कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर मतदाताओं के एक हिस्से में नाराजगी रही है. हमारी पार्टी चाहती है कि विस्तार से उन कमियों और खामियों को दूर किया जाए जिसको लेकर जनता ने सवाल उठाए हैं. केंद्र ने 2022 में 14 जून को सेना में जवानों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की थी. कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने इस योजना का विरोध किया था. कुछ राज्यों में इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए थे. कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने हाल ही में संपन्न आम चुनाव में अग्निपथ योजना को बड़ा मुद्दा बनाया था. कहा कि यदि वह सत्ता में आते हैं तो इसे रद्द कर देंगे. विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद भाजपा और उसके नेता इस योजना का बचाव करते रहे हैं.
केसी त्यागी ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ नहीं है. भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में सत्ता में आने पर यूसीसी लागू करने का वादा किया है.
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमारे दिल मेंत्यागी
जाति आधारित जनगणना के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा कि देश में किसी भी पार्टी ने इसके विरोध में नहीं कहा है. इस मामले में बिहार ने रास्ता दिखाया है. यह समय की मांग है. हम इसे आगे बढ़ाएंगे. बिहार को विशेष राज्य का दर्जे के सवाल पर उन्होंने कहा कि जदयू ने एनडीए को बिना शर्त समर्थन दिया है लेकिन बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमारे दिल में है.