नई दिल्ली : दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और ऐसे समय में वरिष्ठ नेता और मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है।
गहलोत के इस्तीफे की खबरें लोकसभा चुनाव के बाद से चल रही थीं, लेकिन अब उनके फैसले ने पार्टी के अंदर अनिश्चितता बढ़ा दी है।
बीजेपी में शामिल हो सकते हैं गहलोत
वरिष्ठ मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी (AAP) में हलचल मच गई है। सूत्रों का कहना है कि गहलोत जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं और नजफगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं। गहलोत पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक थे, और उनका जाना आप की योजनाओं पर बड़ा असर डाल सकता है।
महत्वपूर्ण योजनाओं पर झटका
कैलाश गहलोत ने ‘पिंक पास’, ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा’, ‘इलेक्ट्रिक बस क्रांति’ और महिलाओं की सुरक्षा जैसी योजनाओं में बड़ी भूमिका निभाई थी। उनके इस्तीफे के बाद इन योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
जाट वोटरों पर असर पड़ने की संभावना
गहलोत के इस्तीफे का सीधा असर पश्चिमी दिल्ली और ग्रामीण इलाकों में जाट वोटरों पर पड़ सकता है। नजफगढ़ जैसे इलाकों में गहलोत की मजबूत पकड़ थी। पार्टी को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि गहलोत के जाने के बाद भी जाट समुदाय का समर्थन बना रहे।
कैलाश गहलोत के जाने से चुनाव पर असर
गहलोत का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए ऐसे समय पर हुआ है जब दिल्ली चुनाव नजदीक हैं। इससे न केवल पार्टी की रणनीति कमजोर हो सकती है, बल्कि विपक्ष को बढ़त भी मिल सकती है।
एक अनुभवी नेता की कमी
गहलोत के जाने से पार्टी को प्रशासनिक और योजनाओं के क्रियान्वयन में मुश्किलें हो सकती हैं। वह ‘महिला सम्मान राशि’ योजना के मुख्य संचालक थे, जो महिलाओं को हर महीने ₹1,000 देने की योजना थी। इस योजना के चुनावी प्रचार में मुख्य भूमिका निभाने की उम्मीद थी।