देहरादून. देश में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के मुताबिक इस साल 25 जून तक 95 बाघों की मौत दर्ज की गई. इनमें सबसे ज्यादा 24 बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हुई. महाराष्ट्र में 19 और उत्तराखंड में 14 मौतें दर्ज की गईं. केंद्रीय वन मंत्रालय ने राज्यों को मौत के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं.
उत्तराखंड में सात बाघों की मौत टाइगर रिजर्व के बाहर कुमाऊं रीजन में, जबकि पांच कार्बेट टाइगर रिजर्व और दो की राजाजी टाइगर रिजर्व में हुई. पिछले दिनों कार्बेट की कालगढ़ रेंज में एक बाघिन घायल मिली थी. उसके पेट के चारों ओर लोहे के तार का फंदा धंसा हुआ था. आशंका जताई जा रही है कि कार्बेट में शिकारी सक्रिय हो सकते हैं. उत्तराखंड के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा का कहना है कि बाघों की मौत चिंताजनक है. हालांकि वह यह भी कहते हैं कि उत्तराखंड में बाघों की बढ़ती आबादी के हिसाब से यह संख्या ज्यादा नहीं है.