आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे में शुक्रवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषसिद्ध होने के बाद बागपत से भाजपा विधायक समेत रालोद के पूर्व विधायक और पांच अन्य नेताओं को एक-एक माह की सजा सुनाई. साथ ही उन पर 100-100 रुपये का अर्थदंड लगाया गया.
अर्थदंड जमा न करने पर सात दिन के अतिरिक्त कारावास के आदेश जारी किए गए. सजा पाए सभी नेताओं की बाद में न्यायालय ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली. इसके बाद उन्हें पुलिस कस्टडी से मुक्त कर दिया गया.
अधिवक्ता जयवीर सिंह तोमर ने बताया कि वर्ष 2007 में बरनावा विधानसभा से रालोद प्रत्याशी सतेंद्र सोलंकी के चुनाव कार्यालय का बिनौली में उद्घाटन हुआ था. जिसमें बिनौली थाने के तत्कालीन प्रभारी मनोज कुमार ने बगैर अनुमति जनसभा करने पर आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया था. जिसमें तत्कालीन रालोद नेता व वर्तमान में भाजपा विधायक योगेश धामा, रालोद के पूर्व विधायक सतेंद्र सोलंकी, बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित, रालोद के पूर्व विधायक वीरपाल राठी, रालोद के राष्ट्रीय महासचिव सुखबीर सिंह गठीना, रामपाल यादव, राजू तोमर सिरसली, अखिलेश सोलंकी, मनोज यादव, रालोद के पूर्व जिलाध्यक्ष धनपाल गुर्जर और हरेंद्र सोलंकी को आरोपी बनाया गया था. इनमें से धनपाल गुर्जर और हरेंद्र सोलंकी की मौत हो चुकी है. शुक्रवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने भाजपा विधायक योगेश धामा, पूर्व विधायक वीरपाल राठी, रालोद के महासचिव सुखबीर सिंह गठीना, रामपाल यादव, राजू तोमर सिरसली, अखिलेश सोलंकी ओर मनोज यादव को दोषी करार दिया, साथ ही इन सभी को एक-एक माह की सजा सुनाई. सभी पर 100-100 रुपये का अर्थदंड भी लगाया