
नई दिल्ली . संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार को कैबिनेट बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई. इस विधेयक में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में डेढ़ घंटे तक चली बैठक में यह फैसला लिए जाने की जानकारी सामने आई है. हालांकि, सरकार ने इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया. यह बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है.
नए स्वरूप में विधेयक माना जा रहा है कि केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल को वर्ष 2010 में राज्यसभा में पारित बिल से अलग स्वरूप में लेकर आएगी. वर्ष 2010 में यूपीए सरकार के दौरान उच्च सदन में पारित बिल लोकसभा में नहीं लाया जा सका था.
27 वर्षों से लंबित सूत्रों का कहना है कि करीब 27 सालों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक संसद के पटल पर आएगा. इस पर दोनों सदनों की मुहर जरूरी होगी. लोकसभा में सरकार के पास पूर्ण बहुमत है, जबकि राज्यसभा में भी कांग्रेस सहित कई दलों के समर्थन के चलते इस बार राह मुश्किल नहीं लगती. हालांकि, सपा और राजद जैसे दल अब भी इस का विरोध कर रहे हैं.
अलग प्रावधान संभव विशेष सत्र बुलाए जाने की खबर के बाद से महिला आरक्षण बिल को लेकर कयास लगाए जा रहे थे. कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी है. संभावना जताई जा रही है कि महिला आरक्षण विधेयक के भीतर एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओ को आरक्षण का प्रावधान भी किया जा सकता है.
लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से भी कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व करीब 10 फीसदी है. राज्यसभा में पारित बिल रद्द नहीं होता, सरकार चाहती तो बिल को उसी स्वरूप में आगे बढ़ा सकती थी. लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित बिल में कई संशोधन किए गए हैं. नए स्वरूप और जरूरतों के मुताबिक बिल सदन में लाया जाएगा.
नई इमारत में आज क्या
- उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष संसद के केंद्रीय कक्ष में समारोह का नेतृत्व करेंगे
- कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ शुरू और खत्म होगा. इसके बाद सांसदों नए भवन पहुंचेंगे
- इससे पहले पुराने संसद भवन के प्रांगण में तीन अलग-अलग समूह की तस्वीरें ली जाएंगी
- लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 1.15 बजे, राज्यसभा की बैठक दोपहर 2.15 बजे शुरू होगी