देश में इस वक्त ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ यानी पीएफआई खबरों में बना हुआ है. सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार का मानना है कि पीएफआई और उसके सहयोगी ऐसे विनाशकारी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे जन व्यवस्था प्रभावित हुई है, देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है और आतंक-आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है. साथ ही उसे लागू करने की कोशिश की जा रही है.
अधिसूचना में कहा गया है कि संगठन देश के खिलाफ असंतोष उत्पन्न करने के इरादे से ‘राष्ट्र विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने और समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने’ की लगातार कोशिश कर रहा है. गृह मंत्रालय ने कहा, ‘उक्त कारणों के चलते केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है.’ अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि इसकी शुरुआत आखिर कहां से हुई? इसके साथ ही हम इस सवाल का जवाब भी तलाशने की कोशिश करेंगे कि इसका प्रतिबंधित संगठन ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ यानी सिमी से क्या रिश्ता है.
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से पीएफआई नेता मोहम्मद नदीम को गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से एक गाइड मिली है जिसमें आईईडी बनाने का तरीका बताया गया है. वहीं यूपी के ही खदरा से बेग नदवी को गिरफ्तार किया गया. बम बनाने की गाइड का नाम है, ‘अ शॉर्ट कोर्स ऑन हाउ टू मेक आईईडी यूजिंग ईजली अवेलबल मटीरियल.’ वहीं तमिलनाडु के रामनाद जिले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के घर से दो लॉरेंस LHR-80 बरामद हुए हैं. यह एक जीपीएस वाली रेडियो ऐंड नेविगेटर डिवाइस होती है.
गजवा-ए-हिंद और जिहाद की सामग्री
पीएफआई नेताओं के ठिकानों से कई किताबें, ब्रॉशर और सीडी मिली हैं जो कि जिहाद के विजन 2047 से संबंधित हैं. इसमें जिक्र किया गया है कि किस तरह से भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाना है. इसके अलावा इसमें पीई ट्रेनिंग मटीरियल भी शामिल है. महाराष्ट्र के पीएफआई अध्यक्ष के घर से ऐसी सामग्री मिली है. वहीं कर्नाटक और तमिलनाडु में पीएफआई लीडर के घर से बड़ी मात्रा में कैश बरामद किया गया है.