
नशे में धुत अपनी बिना नंबर वाली लग्जरी कार से मोटरसाइकिल सवार दो आईटी पेशेवरों को कुचलकर जान लेने वाले किशोर के मामले लापरवाही बरतने व घटना की देर से रिपोर्टिंग पर दो पुलिस अफसरों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया. इनमें पुणे के यरवदा पुलिस स्टेशन में तैनात रहे इंस्पेक्टर राहुल जगदाले व सहायक पुलिस इंस्पेक्टर विश्वनाथ टोडकरी शामिल हैं.
इससे पहले किशोर को बचाने की साजिश का खुलासा खुद पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने किया. बताया कि वारदात के बाद ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि हादसे के समय गाड़ी किशोर नहीं बल्कि एक वयस्क (ड्राइवर) चला रहा था. यह भी कहा कि आंतरिक जांच में मामला दर्ज करने में कुछ पुलिसकर्मियों की चूक सामने हाई है. इसकी जांच हो रही है. जांच का हवाला देते हुए कहा कि यह बात साफ हो गई है कि हादसे के वक्त किशोर ही कार चला रहा था. सभी जरूरी साक्ष्य जुटा लिए गए हैं. किशोर के घर से निकलते समय रजिस्टर में उसके कार के साथ निकलने की एंट्री, सीसीटीवी फुटेज व चश्मदीद इसकी पुष्टि करते हैं.
रक्त के नमूने लेने में हुई देरी आयुक्त ने स्वीकार किया कि रविवार को हादसे के बाद रक्त के नमूने लेने में देरी हुई. हादसा तड़के हुआ जबकि रात 11 बजे नमूने लिए गए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मामले में खून की रिपोर्ट प्रमुख आधार नहीं है. गैर इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज किया गया है .
कुमार ने कहा कि प्रारंभिक प्राथमिकी में धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) लागू की गई थी, लेकिन उसी दिन इसकी जगह धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) को लागू किया गया. कहा कि यह कहना सही नहीं है कि पुलिस पर दबाव था, लेकिन यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि पहली बार में धारा 304 लागू क्यों नहीं की गई. एसीपी स्तर के एक अधिकारी को जांच सौंपी जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या सुबूतों के साथ छेड़छाड़ का प्रयास किया गया था. अदालत में पुलिस का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने के लिए विशेष वकीलों की नियुक्ति की जाएगी.
किशोर का पिता और पांच अन्य न्यायिक हिरासत में
मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों को पुणे की एक अदालत ने सात जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इनमें किशोर के पिता व हादसे के पहले किशोर को शराब परोसने वाले दो प्रतिष्ठानों के मालिक व कर्मचारी समेत अन्य शामिल हैं.
शीर्ष अदालत की निगरानी में जांच हो
हादसे में मारे गए आईटी पेशेवर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा के माता-पिता ने शुक्रवार को मांग की कि उच्चतम न्यायालय को मामले की जांच और सुनवाई की निगरानी करनी चाहिए. दोनों परिवारों ने यह भी मांग की है कि मामले की सुनवाई मध्य प्रदेश हो क्योंकि मरने वाले मध्य प्रदेश से थे. अश्विनी जबलपुर की थी, जबकि अनीश उमरिया जिले का. परिवारों ने कहा है कि अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए आरोपी के खिलाफ वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
फर्जी वीडियो पर मां ने सुरक्षा की गुहार लगाई
किशोर का फर्जी वीडियो गुरुवार को वायरल होने के बाद उसकी मां ने पुलिस से बेटे को सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की है. वीडियो में किशोर शेखी बघारता दिख रहा है कि वह दुर्घटना के बाद किस तरह बच गया.