अब जल्द ही आपको भारत (India)में विदेश की तरह रिवर क्रूज यात्रा का अनुभव मिलने जा रहा है. उत्तर प्रदेश के काशी से दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा 10 जनवरी 2023 से शुरू होगी. वाराणसी (varanasi) से डिब्रूगढ़ तक 3200 km का सफर करीब 50 दिनों में तय किया जाएगा. वाराणसी के रविदास घाट से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas Cruise) के टाइम टेबल का विमोचन किया है.
50 दिनों की यह यात्रा भारत और बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेगी तथा 50 से अधिक अहम जगहों पर रुकेगी, जिनमें विश्व विरासत स्थल भी शामिल हैं. यह जलयान राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारण्य से भी गुजरेगा, जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल हैं. इस लंबी यात्रा में यात्री परेशान न हो, इसलिए क्रूज पर गीत संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि सुविधाएं मिलेगी.
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के मुख्य अभियंता रविकांत का कहना है कि गंगा विलास भारत में निर्मित पहला जलयान है. यह पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं के साथ सुरक्षित है. इस क्रूज में 80 पर्यटकों को लेकर 3200 किलोमीटर की यात्रा 50 दिनों में पूरा होगी.
इस परियोजना के लिए केन्द्र ने 130 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी और कोलकाता के बीच कुल 60 जेटी बनाए जाने हैं। उनके मुतबाबिक इनमें उत्तर प्रदेश में सात जेटी तैयार हुए हैं जिसमें वाराणसी में तीन, बलिया में दो और चंदौली, गाजीपुर में एक-एक जेटी है।
उन्होंने बताया कि गंगा विलास भारत में निर्मित पहला नदी जलयान है जो वाराणसी और डिब्रूगढ़ के बीच कुल 3200 किलोमीटर की यात्रा 50 दिनों में पूरी करेगा और भारत एवं बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम्स से होकर गुज़रेगा। उनके अनुसार यह जलयान राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुज़रेगा जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काज़ीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल हैं। उनका कहना था कि यह यात्रा एक ही जलयान द्वारा की जाने वाली दुनिया की सबसे लंबी यात्रा होगी। गंगा विलास जलयान में 18 सुइट्स होंगे.