
पुणे पोर्श क्रैश कांड के 17 साल के आरोपी की मां को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इस बात की जानकारी दी है. बता दें कि नाबालिग के पूरे परिवार ने उसे बचाने के लिए हथकंडे अपनाए थे. बता दें कि 17 साल के आरोपी की लग्जरी पोर्श कार से दो लोगों की मौत हो गई थी. इसमें एक लड़का और एक लड़की शामिल थी. वहीं अधिकारियों ने बताया था कि ससून जनरल अस्पताल में नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल कूड़े दान में फेंक दिया गया. इसके बाद पता चला कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदल दिया गया था. तभी लड़के की मां ने पैसों का लालच देकर अपने ही ब्लड से सैंपल बदलवा दिया.
जानकारी सामने आने के बाद से शिवानी फरार थीं. इसके बाद बीती रात वह मुंबई से पुणे पहुंचीं और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बताया कि घटना के वक्त नाबालिग नशे में धुत था और अस्पताल में उसका ब्लड सैंपल मां शिवानी से बदल दिया गया था. आरोप है कि यह हेराफेरी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और उनके कर्मचारियों ने की थी. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद एक डॉक्टर और लैब हेड को गिरफ्तार किया गया था और पुलिस शिवानी की तलाश कर रही थी.
इस मामले के बाद अस्पताल को लेकर भी फर्जीवाड़ा सामने आया है. आरोप है कि गिरफ्तार किए गए डॉ. तावड़े की नियुक्ति विधायक सुनील टिंगरे की सिफारिश के बाद की गई थी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने इस नियुक्ति को मंजूरी दी थी. कई मामलों में आरोपी होने के बाद भी उन्हें फरेंसिक मेडिकल विभाग का हेड बना दिया गाय था. नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल ने डॉ. तावड़े से वॉट्सऐप पर बात की थी. दोनों के बीच कई बार बात हुई.
लैब की जांच में पाया गया था कि ब्लड सैंपल में अल्कोहल नहीं है. जब इसपर शक हुआ तो दूसरे अस्पताल में जांच करवाई गई. बाद में डीएनए टेस्ट से पता चला कि सैंपल अलग-अलग हैं. इसके बाद शक हुआ कि अस्पताल में ही गड़बड़ की गई है. नाबालिग को बचाने में पूरा परिवार लगा हुआ था. नाबालिग के बिल्डर पिता पर रिश्वत देने का आरोप है. वहीं आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने ड्राइवर को फंसाने के लिए धमकी दी थी. आरोप है कि अग्रवाल परिवार चाहता था कि केस उनका फैमिली ड्राइवर अपने ऊपर ले ले. इसके लिए ड्राइवर को दो दिन तक बंधक बनाए रखा गया और पूरे परिवार ने लालच देने के बाद उसे धमकाया भी. हालांकि पुलिस को इसका भी पता चल गया.