
नई दिल्ली . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विपक्षी दलों से आग्रह किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में वे चुनावों में मिली हार का गुस्सा न निकालें. उन्होंने सलाह दी कि विपक्ष इस हार से सीख लेते हुए सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़े, तभी देश में उसके प्रति लोगों का नजरिया बदल सकता है.
देश ने नकारात्मकता को नकारा शीत सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, विपक्षी दल सिर्फ विरोध के लिए सत्ता पक्ष का विरोध न करें. चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर उन्होंने कहा, देश ने नकारात्मकता को नकारा है. मैं वर्तमान चुनाव नतीजे के आधार पर कहूं तो विपक्ष में बैठे साथियों के लिए यह स्वर्णिम अवसर है. उन्हें अपनी इस हार से सीख लेनी चाहिए.
निराश होने की जरूरत नहीं मोदी ने कहा कि सकारात्मकता के साथ ही हर किसी का भविष्य उज्ज्वल है और निराश होने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हताशा, निराशा होगी, आपके साथियों को दम दिखाने के लिए कुछ न कुछ करना भी पड़ेगा लेकिन लोकतंत्र के मंदिर को मंच न बनाएं.
सुशासन में सत्ता विरोधी लहर जैसे शब्द अप्रासंगिक प्रधानमंत्री ने कहा, जो देश के सामान्य जन के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, जो देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित है उसे जनता का भी भरपूर समर्थन मिलता है. जब सुशासन होता है, तो सत्ता विरोधी लहर जैसे शब्द अप्रासंगिक हो जाते हैं.
विधेयक पर गहन चर्चा करें मोदी ने कहा, सभी सांसदों से आग्रह है कि वे ज्यादा से ज्यादा तैयारी करके आएं और सदन में जो भी विधेयक रखे जाएं, उन पर गहन चर्चा करें.