
भाजपा सांसद ओम बिरला 18वीं लोकसभा के स्पीकर चुन लिए गए हैं. ध्वनिमत से एनडीए उम्मीदवार ने शक्ति परीक्षण पास कर लिया है. उन्होंने विपक्षी कैंडिडेट के सुरेश को हरा दिया है. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा. राजनाथ सिंह ने समर्थन किया. लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए एनडीए के ओम बिड़ला और इंडिया गठबंधन की तरफ से के सुरेश आमने-सामने हैं. दोनों उम्मीदवारों ने मंगलवार को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था.
लोकसभा के इतिहास की बात करें तो आजादी के बाद यह तीसरा मौका होगा, जब लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ. इससे पहले 1956 और 1976 में भी लोकसभा स्पीकर पद के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चुनाव हुआ था. इस बारी सत्ता पक्ष और विपक्ष में डिप्टी स्पीकर पद को लेकर न बनी सहमति चुनाव की असली वजह मानी जा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने डिप्टी स्पीकर पद पर पहले हां और फिर टालमटोल किया, जिसके बाद उन्हें अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर अपना उम्मीदवार उठाना पड़ा. दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस इस शर्त पर लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए समर्थन देने को तैयार थी अगर उन्हें डिप्टी स्पीकर पद किसी भी हाल में मिले. भाजपा नेताओं का आरोप है कि लोकतंत्र में शर्त किसी भी सूरत में ठीक नहीं है. इसलिए हमने विपक्ष के प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
बता दें कि लोकसभा के इतिहास में स्पीकर पद को लेकर आम तौर पर सहमति रहती ही है. सत्ता पक्ष की ओर से स्पीकर और विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद मिलता है. इस बार परंपरा से विपरीत इंडिया ब्लॉक ने एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने के बदले में डिप्टी स्पीकर पद हासिल करने पर पूरा जोर दिया है.
रिपोर्टों के अनुसार, ओम बिरला की उम्मीदवारी के समर्थन में 10 से अधिक नामांकन दाखिल किए गए हैं. जिनमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा और टीडीपी, जेडी (यू), जेडी (एस) जैसे भाजपा सहयोगी शामिल हैं. जबकि, कांग्रेस नेता के सुरेश के समर्थन में तीन नामांकन दाखिल किये गये हैं.