
राजस्थान के गांव में बेटियों की नीलामी पर अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्य रवैया अपनाया है. मानवाधिकार आयोग ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को नोटिस भेज कर पूछा कि इस मामले में क्या ऐक्शन लिया गया है? दरअसल आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने राजस्थान सरकार को उस रिपोर्ट पर नोटिस थमाया है जिसमें दावा किया गया है कि 8-18 साल की बच्चियों को स्टांप पेपर पर बेचा जा रहा है. अगर ऐसा नहीं हो पाया तो जातीय पंचायत के हुक्म पर बेटियों की मां के साथ दुष्कर्म किया जा रहा है.
इस नोटिस में एनएचआरसी की तरफ से कहा गया है कि इस मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से राजस्थान के आधा दर्जन जिलों में लड़कियों की खरीद-बिक्री की जा रही है. इन लड़कियों को यूपी, एमपी, मुंबई दिल्ली के अलावा विदेश भेजा जा रहा है, जहां इनके साथ यौन प्रताड़ना हो रहा है. एनएचआरसी ने इस मीडिया रिपोर्ट को लेकर कहा है कि अगर यह रिपोर्ट सही है तो यह मानवाधिकार का उल्लंघन है. जिसकी वजह से राजस्थान के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा गया है और उनसे विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गई है. यह भी पूछा गया है कि इस मामले में क्या ऐक्शन लिया गया है.
आयोग ने राजस्थान में ग्राम पंचायतों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. कहा गया है कि ऐसी पंचायतों की वजह से महिलाओं के मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है. आयोग ने इन घटनाओं में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग की है. आयोग ने राजस्थान के डीजीपी को भी नोटिस भेजा है. आयोग ने अपने सदस्य को वहां भेज कर मामले की असलियत पता करने के लिए भी कहा है. आयोग ने अपने सदस्य से कहा है कि जांच-पड़ताल के बाद वो विस्तार से अपनी रिपोर्ट आयोग को सौपें.