
फर्जी दस्तावेज के आधार पर डबल बैरल बंदूक लेने के आरोप में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा हुई है. बुधवार को यह सजा विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम ने सुनाई.
कोर्ट ने मंगलवार को मुख्तार को दोषसिद्ध मानते हुए सजा का आदेश 13 मार्च के लिए सुरक्षित रख लिया था. गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज लगभग 37 साल पुराने प्रकरण में कोर्ट ने विभिन्न धाराओं में मुख्तार को अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान मुख्तार को यह आठवीं सजा है. इसके पहले उसे चर्चित कोयला व्यापारी नंदकिशोर रुंगटा के अपहरण व हत्या के मामले में पैरवी कर रहे उनके भाई को धमकी देने में पांच साल की सजा हुई थी. विशेष न्यायाधीश कोर्ट ने ही पिछले साल मुख्तार का अवधेश राय हत्याकांड में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. बुधवार को आए फैसले से जुड़े प्रकरण में मुख्तार ने 10 जून 1987 को गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के यहां शस्त्रत्त् लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. उसने तत्कालीन डीएम एवं एसपी के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति पत्र जारी कर लाइसेंस ले लिया.
अलग-अलग सजाएं
सीबीसीआईडी ने कूटरचित दस्तावेज के जरिएअसलहे का शस्त्रत्त् लाइसेंस जारी कराने में धोखधड़ी, साजिश व आयुध अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज कराया था. एमपी-एमएलए कोर्ट ने आईपीसी की धारा 467/120 बी में उम्रकैद, आईपीसी की धारा 420/120-बी, 468 / 120-बी में सात-सात वर्ष कैद और 50-50 हजार जुर्माना की सजा हुई है.