
मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। हाल ही में कांगपोकपी जिले में एक उग्र भीड़ ने पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय पर हमला किया, जिसमें SP मनोज प्रभाकर घायल हो गए और कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा। घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
इस हमले के पीछे एक बड़ी वजह थी प्रदर्शनकारी जो कांगपोकपी जिले के साइबोल गांव में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों को हटाने की मांग कर रहे थे। जब प्रदर्शनकारियों ने इस मांग को लेकर SP कार्यालय पर पथराव और पेट्रोल बम से हमला किया, तब पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस हिंसक घटना में पुलिसकर्मियों सहित कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं।
आरोप है कि 31 दिसंबर को सुरक्षाबलों ने साइबोल गांव में महिलाओं पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई महिलाएं घायल हो गईं। इसके बाद आदिवासी संगठनों ने सुरक्षाबलों के खिलाफ विरोध शुरू किया। आदिवासी एकता समिति ने केंद्रीय बलों को गांव से वापस बुलाने की मांग की है, जबकि कुकी संगठन ने कहा कि सुरक्षाबल बफर जोन छोड़ें।
मणिपुर में हिंसा मई 2023 से जारी है और अब तक 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। विभिन्न घटनाओं में 1,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं और 60,000 से ज्यादा लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। हिंसा के सबसे ज्यादा प्रभाव इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों पर पड़ा है।