
Maharashtra election: महाराष्ट्र में चुनावी तापमान चढ़ चुका है, और इसी बीच मंगलवार को चुनाव आयोग महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने जा रहा है। राजनीति के इस घमासान से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक कड़ा संदेश देकर विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) को ललकारा है। शिंदे ने तीखे अंदाज में कहा, “मुझे हल्के में लिया था, अब दाढ़ी को हल्के में मत लेना। इस दाढ़ी ने MVA को गड्ढे में डालने का काम किया था और आपकी सरकार को गिराया।”
शिंदे की ये टिप्पणी केवल एक मजाकिया चेतावनी नहीं थी, बल्कि उन्होंने अपनी राजनीतिक ताकत और फैसलों का जिक्र किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसा साहसी कदम उठाने के लिए जिगर चाहिए, और यही जिगर उन्हें सत्ता तक ले आया।
शिंदे की बगावत से टूटा था MVA
Maharashtra election: महाराष्ट्र की राजनीति के इतिहास में 2022 एक बड़ा मोड़ साबित हुआ था, जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बगावत कर दी थी। इस बगावत ने महाविकास अघाड़ी की नींव हिला दी और अंततः उसकी सरकार गिर गई। शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाकर नया गठबंधन, महायुति, बनाया। इस सरकार में बाद में अजित पवार भी एनसीपी से बगावत कर अपने गुट के साथ शामिल हो गए थे।
2024: दोस्त बने दुश्मन
2019 के चुनावों में जो पार्टियां एक-दूसरे की सहयोगी थीं, वही 2024 में एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में होंगी। शिवसेना और एनसीपी जैसी प्रमुख पार्टियां अब दो धड़ों में बंट चुकी हैं, जिससे चुनाव का समीकरण और पेचीदा हो गया है। आगामी चुनावों के साथ, सभी की निगाहें अब महा अघाड़ी और महायुति की रणनीतियों पर टिकी हैं।