
भारत के विदेश मंत्री, एस जयशंकर ने हाल ही में पाकिस्तान पर फिर से हमला किया और उसे ‘कैंसर’ करार दिया, जो भारत के लिए खतरे का कारण बन रहा है। यह बयान उन्होंने मुंबई में आयोजित 19वें नानी ए पालकीवाला मेमोरियल व्याख्यान के दौरान दिया।
जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने में पाकिस्तान एक अपवाद है। उन्होंने कहा, “यह कैंसर अब पाकिस्तान की अपनी राजनीतिक संरचना को खा रहा है।” उनका यह भी कहना था कि पूरे उपमहाद्वीप के साझा हित में है कि पाकिस्तान अपने इस दृष्टिकोण को त्यागे।
भारत का दृष्टिकोण और पश्चिम के प्रति विचार
जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत को उभरती हुई प्रौद्योगिकियों के विकास में पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत भले ही गैर-पश्चिमी हो, लेकिन इसके रणनीतिक हित यह सुनिश्चित करते हैं कि यह पश्चिम विरोधी न हो।” इस दौरान उन्होंने वित्तीय संस्थाओं के शस्त्रीकरण से उत्पन्न चुनौतियों पर भी बात की और कहा कि भारत को अपनी आंतरिक शक्ति को बढ़ाना होगा और बाहरी जोखिम को कम करना होगा।
भारत की कूटनीतिक नीति
जयशंकर ने भारत की कूटनीतिक दृष्टिकोण को तीन शब्दों में व्यक्त किया: पारस्परिक सम्मान, पारस्परिक संवेदनशीलता और पारस्परिक हित। उनका कहना था कि भारत का उद्देश्य दुनिया भर में अपने संबंधों को मजबूत करना है, खासकर मध्यम शक्तियों के साथ, ताकि कूटनीतिक प्रोफाइल बढ़ सके।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत खुद को ‘विश्वबंधु’ या विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखता है। उनका मुख्य उद्देश्य मित्रता को बढ़ावा देना और समस्याओं को कम करना है।