
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में पिछले दो महीनों से एक अजीबोगरीब बीमारी फैल रही थी, जिसमें लोग तेजी से गंजे हो रहे थे। इससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया था। इस रहस्य को सुलझाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गांवों में जांच की और खाद्य पदार्थों के नमूने लिए।
अब रिपोर्ट आ चुकी है, और इसमें बाल झड़ने की वजह गेहूं को बताया गया है, जिसमें सेलेनियम की अधिक मात्रा पाई गई है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
गेहूं में सेलेनियम की उच्च मात्रा होने से लोगों के बाल तेजी से झड़ने लगे।
सेलेनियम एक खनिज पदार्थ है, जो सामान्य रूप से मिट्टी, पानी और कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।
मानव शरीर को इसकी बहुत कम मात्रा की जरूरत होती है, लेकिन अधिक मात्रा लेने से बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।
सरकारी राशन का गेहूं बना गंजेपन की वजह!
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने स्थानीय सरकारी राशन दुकानों से मिले गेहूं का उपयोग किया था।
पंजाब और हरियाणा के गेहूं में ज्यादा सेलेनियम पाया जाता है।
राशन दुकानों में इन्हीं राज्यों से आपूर्ति हुई थी, जिससे यह समस्या बढ़ी।
बावस्कर हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गेहूं में सामान्य से 600 गुना ज्यादा सेलेनियम था।
दो महीने में 18 गांवों के 279 लोग प्रभावित
दिसंबर से अब तक 18 गांवों में 279 लोगों के बाल झड़ने के मामले सामने आए।
इस बीमारी को “एक्यूट ऑनसेट एलोपेसिया टोटलिस” कहा जाता है।
हर उम्र के लोग प्रभावित हुए, जिससे कई शादियां टूट गईं और लोगों ने अपने सिर मुंडवा लिए।
जिन्होंने गेहूं कम खाया, उनके बाल नहीं झड़े।
150 गुना बढ़ गई थी सेलेनियम की मात्रा
विशेषज्ञों ने गांव के लोगों के खून, पेशाब और बालों के नमूने लिए।
इसमें पाया गया कि उनके शरीर में सेलेनियम की मात्रा सामान्य से 150 गुना ज्यादा थी।
इसकी वजह से 3-4 दिनों के अंदर ही बाल झड़ने लगे।
जो लोग पूरी तरह सरकारी गेहूं पर निर्भर थे, उन्हें ज्यादा नुकसान हुआ।