
देश भर में चर्चित महादेव बेटिंग ऐप के माध्यम से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले 18 आरोपियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने गैंगस्टर ऐक्ट की कार्रवाई की है. पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई. केंद्र सरकार इस ऐप को पहले ही प्रतबिंधित कर चुकी है.
एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि जिन आरोपियों पर गैंगस्टर ऐक्ट की कार्रवाई की गई, उनमें नोएडा में ऐप का सरगना तरुण शामिल है. सभी आरोपियों की चल और अचल संपत्तियों की पहचान की जा रही है. इसके बाद इन संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा. कई आरोपियों की संपत्ति की जानकारी पुलिस को मिल गई है. प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद महादेव सट्टेबाजी ऐप सुर्खियों में आ गया. नोएडा से भी इस ऐप के जरिये व्यापक स्तर पर ठगी का रैकेट चल रहा था. इसी साल सात फरवरी को सेक्टर-108 के एक मकान में रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
तरुण था नोएडा का हेड
ठगी का पूरा रैकेट महादेव ऐप के जरिए इसका मालिक सौरभ चंद्राकर चलवा रहा था. सौरभ अलग-अलग शहरों के लिए फ्रेंचाइजी बांटता था. नोएडा का सरगना तरुण था. तरुण ने किराये पर कोठी लेकर ठगी का सेटअप तैयार किया और लोगों को इससे जोड़ा.
कई आरोपी विदेश में
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि मामले से जुड़े कई आरोपी वर्तमान में विदेश में हैं. उनकी लोकेशन दुबई, बांग्लादेश, थाइलैंड समेत 11 देशों में मिली. नोएडा पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों को ऐप बंद करने के लिए पत्र भी लिखा था. ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर और एक अन्य का नाम भी सामने आया.
दुबई से सट्टे का खेल शुरू किया
महादेव ऐप का मालिक सौरभ चंद्राकर है. दुबई से इसने सट्टे का खेल शुरू किया. सूत्रों के अनुसार, महादेव ऐप से प्रतिमाह उसे करीब 250 से 300 करोड़ रुपये की कमाई हो रही थी. छत्तीसगढ़ के चुनावों में महादेव ऐप बड़ा मुद्दा बना है.