भोपाल। नवरात्र पर्व के दौरान होने वाले वाले गरबा डांस (Garba Dance) प्रोग्रामों में असामाजिक तत्वों को घुसने से रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. भोपाल के जिला कलेक्टर की ओर से जारी आदेश के अनुसार गरबा डांस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए अब लोगों को फोटोयुक्त आई कार्ड साथ ले जाना होगा. अगर उनके पास आई कार्ड नहीं होगा तो उन्हें समारोह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इस फैसले का बीजेपी ने जहां स्वागत किया है, वहीं कांग्रेस ने हमेशा की तरह इसकी खिलाफत की है.
भोपाल के कलेक्टर ने जारी किया आदेश
भोपाल के जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी गरबा आयोजनों में आई कार्ड देख कर ही प्रवेश दिया जाएगा. अगर किसी के पास आई कार्ड नहीं होगा तो उसे किसी भी सूरत में एंट्री नहीं मिलेगी. जिले में यह पहली बार है, जब प्रशासन ने अपनी ओर से गरबा आयोजनों में आई कार्ड अनिवार्य किया हो.
बीजेपी नेता उठाते रहे हैं मांग
बताते चलें कि बीजेपी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर समेत कई हिंदूवादी संगठन लगातार गरबा आयोजनों (Garba Dance) में लव जिहाद के आरोप लगाते आए हैं. उनका कहना कि असामाजिक प्रवृति के मुस्लिम युवा गलत मंशा से इन समारोहों में एंट्री लेते हैं और लड़कियों के साथ छेड़खानी करते हैं. वे जिला प्रशासन से लगातार मांग कर रहे थे कि गरबा समारोहों में आई कार्ड की एंट्री की व्यवस्था की जाए. राज्य की पूर्व सीएम उमा भारती ने भी गरबा में आई कार्ड अनिवार्य किए जाने की मांग की थी, जिसके बाद भोपाल कलेक्टर ने यह फैसला लिया.
कांग्रेस ने फैसले पर जताई आपत्ति
भोपाल के गरबा (Garba Dance) पंडालों में बिना आईडी के एंट्री न देने के फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है. राज्य के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि गरबा मां की स्तुति, मां की पूजा अर्चना है. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए गरबा नृत्य किया जाता है. यह कोई मनोरंजन का साधन नहीं है. अब ऐसे फरमान निकालकर लोगों को बांटने का प्रयास किया जा रहा है.