
ईडी ने कथित तौर पर 975 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई स्थित एक कारोबारी समूह पर छापेमारी की.
केंद्रीय एजेंसी द्वारा गुरुवार को जारी बयान के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कंपनी, उसके निदेशकों पुरुषोत्तम मंधाना, मनीष मंधाना, बिहारीलाल मंधाना और अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से उपजा है. यह एफआईआर बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा बैंकों के एक संघ से कथित तौर पर 975.08 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने की शिकायत पर दर्ज की गई थी.
ऋण की राशि को डायवर्ट किया मंधाना इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके निदेशकों ने धोखाधड़ी वाले लेन-देन और सर्कुलर ट्रेडिंग के माध्यम से ऋण राशि को ‘डायवर्ट’ करके बैंकों को नुकसान पहुंचाने और खुद को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए ‘आपराधिक साजिश’ रची. ईडी ने कहा कि तलाशी में संपत्ति के दस्तावेजों सहित ‘महत्वपूर्ण आपत्तिजनक’ दस्तावेजों का पता चला. ईडी ने कहा कि 140 से अधिक बैंक खाते, पांच लॉकर और 5 करोड़ रुपये के शेयर और प्रतिभूतियां फ्रीज कर दी गई हैं और तीन हाई-एंड कारों के साथ-साथ रोलेक्स और हुब्लोट जैसे ब्रांडों की कई घड़ियां जब्त की गई हैं.
विभिन्न फर्जी संस्थाओं को शामिल किया
मंधना इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशकों द्वारा ऐसी संस्थाओं के बैंक खातों के माध्यम से धन जुटाने के लिए कंपनी के कर्मचारियों के नाम पर विभिन्न फर्जी संस्थाओं को शामिल किया गया था. ईडी ने आरोप लगाया कि प्रवर्तक/निदेशकों और उनके परिवार के सदस्यों के खातों में धन डायवर्ट करने के लिए संदिग्ध तीसरे पक्ष के लेन-देन किए गए. इसके अलावा आवास (हवाला) प्रविष्टियां प्रदान करने वाली विभिन्न संस्थाओं को किए गए भुगतानों के खिलाफ फर्जी खरीद दर्ज की गई.